उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड के प्रवासियों के आगमन को लेकर जो जिम्मेदारी ग्राम प्रधानों को सौंपी है उसकी बेहतर तस्वीर भी सामने आने लगी है पहाड़ के दूरस्थ क्षेत्र में भी कई गांव अपने पहाड़ के प्रवासियों के सालों बाद गांव आगमन पर उनको बेहतर सुविधा देना चाहते हैं यही वजह है कि Quarantine center में हर सुविधा का ख्याल रखा जा रहा है ग्रामीण इलाके के क्वेरन्टीन सेंटर की एक ऐसी ही तस्वीर सामने आई है जोकि गांव की बेहतर छवि को प्रदर्शित कर रही है।
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सीसीटीवी कैमरे और टॉयलेट सहित अन्य सुविधाओं युक्त यह उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के तल्ला नागपुर पट्टी के ग्राम पंचायत कोटी मदोला गांव यह होम quarantine center है जिसे गांव वालों ने आपसी सहयोग से तैयार किया है बाहर से गांव पहुंचने वाले प्रवासियों को रोकने के लिए गांव वालों ने 20 लोगों की क्षमता वाला होम क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया है 14 दिनों तक प्रवासियों को इस क्वॉरेंटाइन सेंटर में कोई तकलीफ ना हो इसका ध्यान रखा गया है इस गांव के क्षेत्र पंचायत सदस्य ग्राम प्रधानों और गांव वालों ने संयुक्त रूप से प्रयास करते हुए ग्रामीण इलाकों में यह बेहतर व्यवस्था देने का नया उदाहरण पेश किया है गांव के ही व्यक्ति द्वारा टेंट निशुल्क दिया गया है ग्राम पंचायत के जेष्ठ प्रमुख द्वारा सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए हैं, सेंटर में टीवी पंखा शौचालय और भोजन की व्यवस्था भी की गई है ग्राम प्रधान रोशनी देवी का कहना है कि लोग ग्रीन और रेड जोन से यहां आ रहे हैं लिहाजा उनकी जिम्मेदारी और हमारा सहयोग दोनों कोरोनावायरस को हराने में कामयाब होगा। और जाहिर सी बात है जब ऐसे होम क्वॉरेंटाइन सेंटर मिलेंगे तो प्रवासियों को यहां रहने में कोई दिक्कत नहीं होगी
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