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उत्तराखंड- क्वॉरेंटाइन सेंटर की बदहाली पर सख्त हुआ हाईकोर्ट, ग्राम प्रधानों को तत्काल बजट देने के आदेश, क्या हुआ सुनवाई में पढ़ें पूरी खबर

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नैनीताल- अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली सच्चिदानंद डबराल, डीके जोशी द्वारा दायर व अन्य संलग्न याचिकाओं की सुनवाई करते हुए आज उच्च न्यायालय ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा क्वॉरेंटाइन सेंटरों की निरीक्षण रिपोर्ट का संज्ञान लिया। रिपोर्ट में विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों के क्वॉरेंटाइन सेंटर्स की बदहाली साफ सफाई की अव्यवस्था व भोजन की व्यवस्था ना होने का कोर्ट ने कड़ा संज्ञान लिया और राज्य सरकार को आदेशित किया है कि वह अपने पूर्व के शासनादेश 4 मई 2020 के अनुपालन में जिलाधिकारियों के माध्यम से समस्त ग्राम प्रधानों को पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराएं ताकि वह इन सेंटर्स की व्यवस्था कर सकें।

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कोर्ट ने ग्रामीण क्षेत्रों की क्वॉरेंटाइन सेंटर्स की बदहाली पर सरकार को कड़ी फटकार लगाई और तुरंत स्थिति सुधार कर रिपोर्ट फाइल करने के लिए कहा। इसके साथ ही रिपोर्ट की प्रति सचिव स्वास्थ्य को उपलब्ध कराते हुए उन्हें आदेश किया है कि रिपोर्ट में अंकित की गई कमियों पर सुधार करते हुए प्रगति आख्या कोर्ट में अगली तिथि तक दायर की जाए। बॉर्डर पर क्वॉरेंटाइन सेंटर से बनाने के पूर्व के आदेश के बारे में राज्य सरकार द्वारा बताया गया 4 जिलों में उनके द्वारा ऐसे सेंटर बनाए गए हैं परंतु केंद्र सरकार द्वारा आवागमन में दी गई नई छूट के बाद वह भी कम पड़ेंगे। जिस पर राज्य सरकार को यह आदेशित किया गया है कि वह इस मामले में समस्त स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का ध्यान रखते हुए अन्य जिलों में आगामी व्यवस्था बनाए।

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राज्य सरकार ने सचिव स्वास्थ्य जिलाधिकारियों को आदेशित किया है कि वह समस्त ग्राम सभाओं व ग्राम पंचायतों को भरपूर मात्रा में फंड उपलब्ध कराएंगे ताकि क्वॉरेंटाइन सेंटर्स में रहने वाले लोगों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो।कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि वर्तमान क्वॉरेंटाइन सेंटर्स में सुरक्षा और साफ-सफाई को लेकर किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि जिन ग्राम सभाओं में ग्राम प्रधानों के चुनाव नहीं हो पाए हैं वहां पर क्वॉरेंटाइन सेंटर्स की व्यवस्था के लिए धनराशि वितरण की व्यवस्था हेतु राज्य सरकार जिलाधिकारियों के माध्यम से मैकेनिज्म बनाएगी।

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राज्य सरकार द्वारा अदालत को बताया गया कि उनके पूर्व के आदेशों के क्रम में 11000 रैपिड टेस्ट किट वितरित कर दिए गए हैं जिनमें से 2100 टेस्ट किट से टेस्ट भी किए जा चुके हैं शेष किटस के सैंपल की रिपोर्ट आना अभी बाकी है। इस पर भी अदालत ने राज्य सरकार को सेंपलिंग और टेस्ट किट के वितरण की प्रगति के बारे में 14 दिन के अंदर लिखित रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है।

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दुष्यंत मैनाली अधिवक्ता

साथ ही राज्य सरकार द्वारा यह बताया गया कि जिन होटलों में ₹950 किराए पर कमरे दिए गए हैं उन होटलों में बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर्स का पूरा खर्च राज्य सरकार उठा रही है जबकि इससे अधिक किराए वाले कमरों में जो लोग रहना चाहते हैं उन्हें अपना खर्च स्वयं उठाना होगा। इस पर कोर्ट ने यह कहा है कि राज्य सरकार या सुनिश्चित करें कि किसी को अधिक किराए के कमरे में रहने के लिए क्वॉरेंटाइन हेतु बाध्य न किया जाए।समस्त रिपोर्टों के साथ मामले की अगली सुनवाई 2 सप्ताह बाद होगी जबकि राज्य सरकार न्यायालय के आदेशों के अनुपालन की रिपोर्ट कोर्ट में दायर करेगी।मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया व न्यायमूर्ति रवींद्र मैथानी की खंडपीठ में हुई।

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