उत्तराखंड- उत्तराखंड के उधम सिंह नगर के बाजपुर क्षेत्र के दोराहा पर कभी यह पीपल का पेड़ हुआ करता था जिसे अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत रीलोकेट किया गया और आज उस पीपल के वृक्ष का पहला जन्मदिन भी मनाया गया। सुनने और देखने में यह आसान लगता है लेकिन इसके पीछे बहुत मेहनत लगी। विश्व पर्यावरण दिवस के दिन इस पवित्र पीपल के वृक्ष की हरियाली के पीछे का संघर्ष हम आपको बताएंगे।
आज के दौर में जब कंक्रीट के जंगल फैलते जा रहे हैं और पेड़ पौधे काटना जैसे गाजर मूली काटने जैसा आसान हो चुका है। ऐसे में उत्तराखंड के उधम सिंह नगर के बाजपुर में एक पीपल का वृक्ष असल मायने में पर्यावरण संरक्षण की कहानी कहता हुआ नजर आ रहा है। दरअसल बाजपुर में अतिक्रमण की जात पर आ रहे एक पीपल के वृक्ष को प्रशासन ने काटने के बजाय उसे रीलोकेट करना बेहतर समझा। जिसके बाद पूरी कार्ययोजना बनाई गई और बाजपुर दोराहा से रीलोकेट करते हुए पांच किलोमीटर दूर राजकीय इंटर कालेज परिसर केलाखेड़ा में रीप्लांट किया गया । और इस महाअभियान का एक वर्ष पूर्ण होने पर पवित्र पीपल के पेड़ का विश्व पर्यावरण दिवस के दिन प्रथम जन्मदिन मनाया गया।
इस पीपल के वृक्ष को रीलोकेट करने की भूमिका निभाने वाले सभी सहयोगी मित्रों, अधिकारियों तथा विभागीय सहयोग प्रदान करने वाली टीम का रीयूनियन किया गया। महत्पूर्ण साथ देने वाले वर्तमान में कुमाउं मंडल विकास निगम के महाप्रबंधक श्री एपी वाजपेयी, रीलोकेट और रीप्लांट में तकनीकि सहयोग देने वाले दिल्ली के अजय नागर, वन विभाग से शैलेंद्र चैहान, लोनिवी से राजेश पंतोला, जाबिर अली ने आज के दिन एक साथ एकत्रित होने व पीपल के पेड़ की वर्षगांठ मनाने के विनम्र निमंत्रण को स्वीकार किया। वरिष्ठ व शीर्ष वनाधिकारी डाॅ0 पराग मधुकर धकाते जी तथा तत्कालीन डीएफओ हिमांशू बांगरी ने शुभकामना संदेश भेज कर हौंसला बड़ाया।
इसी कड़ी में सीओ बाजपुर सुश्री वंदना वर्मा, कोतवाल प्रवीण कोश्यारी, एलआईयू निरीक्षक भूपाल नेगी, स्पैक इंण्डिया के जीएम आरडी राम, गिरीश कुलश्रेष्ठ, जोगेंद्र यादव ने भी निमंत्रण स्वीकार कर छोटे से आयोजन में पहुंच कर चार चांद लगा दिये। एसडीएम राकेश तिवारी तथा तहसीलदार युसुफ अली की प्रशासनिक मसरुफियतों के चलते उन की उपस्थित ना होने के बावजूद उन के सहयोग को भी याद किया गया।
संक्षिप्त कार्यक्रम के दौरान पुरानी तस्वीरों को सभी के साथ सांझा कर लगभग दो वर्षो की कठिन तपस्या और उस के बाद मिले प्रतिफल को शिददत से याद किया गया। रीप्लान्ट के बाद पवित्र पीपल वृक्ष की कठिन सेवा करने वाले जाबिर अली से केक कटवाया गया। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मदर नेचर को समर्पित इस महत्वकांशी परियोजना को फलते फूलते देख सभी लोग खुश थे।
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