हल्द्वानी (नैनीताल): धनतेरस और दीपावली केवल खरीदारी का त्यौहार नहीं बल्कि निवेश के लिहाज से भी खास अवसर बन चुके हैं। पिछले सात वर्षों में सोने की कीमतों ने रिकॉर्ड तोड़े हैं…जमीन के सर्किल रेट में भारी बढ़ोतरी हुई है और सेंसेक्स ने लगातार नई ऊंचाइयां छुई हैं। इन तीनों निवेश विकल्पों ने निवेशकों की किस्मत बदल दी है। आइए जानते हैं इस शानदार निवेश कहानी को विस्तार से।
अक्टूबर 2018 में सोने की कीमत लगभग 37,500 रुपये प्रति 10 ग्राम थी…जो अब बढ़कर 1,23,300 रुपये तक पहुंच गई है। सात वर्षों में सोने की कीमतों में 311 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। साल 2020 में जबरदस्त उछाल के बाद सोने के दाम में उतार-चढ़ाव रहे…लेकिन लंबी अवधि में कीमतों का ग्राफ ऊपर ही गया।
नैनीताल रोड की जमीन के सर्किल रेट में भारी बढ़ोतरी:
2018 में नैनीताल रोड के सर्किल रेट 22 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर थे, जो अब बढ़कर 75 हजार से 1 लाख रुपये प्रति वर्ग मीटर तक पहुंच गए हैं। जमीन की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह मांग में इजाफा और बेहतर आर्थिक माहौल बताया जा रहा है।
सेंसेक्स ने सात साल में दोगुना वृद्धि की:
2018 में सेंसेक्स 38,989 अंक पर था, जो अब 81,790 अंक को पार कर चुका है। इस दौरान शेयर बाजार में निवेश करने वालों को भी भारी लाभ मिला है।
सराफा कारोबारी राजेश अग्रवाल का कहना है कि सोना भावनात्मक जुड़ाव की वजह से भी लोगों की पहली पसंद है। भले ही मांग में कुछ कमी आई हो…लेकिन निवेश की दृष्टि से सोने की लोकप्रियता कम नहीं हुई है। जमीन की खरीद-बिक्री भी अच्छी बनी हुई है। शेयर बाजार विशेषज्ञ पंकज गुप्ता बताते हैं कि जमीन और सोना उपभोग की वस्तुएं हैं और मध्यम वर्ग के लिए ये निवेश महंगे पड़ सकते हैं। वहीं सेंसेक्स देश की आर्थिक स्थिति और खुशहाली का आईना है। जब देश तरक्की करता है तो सेंसेक्स में भी तेजी आती है।
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