उत्तराखंड: मानव–वन्यजीव संघर्ष रोकने के लिए DM ललित मोहन रयाल ने दिए सख्त निर्देश

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हल्द्वानी:  जिले में बढ़ते मानव–वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए व्यापक तैयारी शुरू कर दी है। शनिवार को हल्द्वानी कैंप कार्यालय में जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल ने विभागीय अधिकारियों की बैठक लेते हुए संघर्ष रोकथाम के लिए कई बड़े निर्देश दिए।जिलाधिकारी रयाल ने कहा कि मानव–वन्यजीव संघर्ष केवल सामूहिक प्रयासों से ही रोका जा सकता है। उन्होंने निर्देश दिया कि नए संसाधनों के साथ-साथ पुराने संसाधनों को भी सुरक्षित रखा जाए और संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में जनजागरूकता अभियान लगातार चलाया जाए।

जिलाधिकारी ने वन विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए कि जंगल से आबादी की ओर आने वाले मार्गों पर सोलर फेंसिंग को तुरंत दुरुस्त किया जाए और उसका नियमित रखरखाव सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि जहां संघर्ष की घटनाएं बढ़ी हैं उन सभी गांवों में वन विभाग गश्त बढ़ाए….जिससे ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि जहां लेपर्ड या अन्य वन्यजीवों की गतिविधि अधिक है वहां स्थिति के अनुसार स्कूलों के समय में बदलाव पर विचार किया जाए। साथ ही बच्चों को स्कूल आने-जाने के दौरान किसी वयस्क व्यक्ति के साथ भेजने के लिए ग्रामीणों से समन्वय बनाने के निर्देश दिए गए।जिलाधिकारी ने जिला विकास अधिकारी को निर्देशित किया कि जिन जंगल क्षेत्रों से महिलाएं घास लेने जाती हैं उन रास्तों की मनरेगा के माध्यम से झाड़ी कटान और सफाई लगातार जारी रखी जाए, ताकि महिलाओं को खतरे से बचाया जा सके।

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मुख्य कृषि अधिकारी को निर्देश दिए गए कि उन क्षेत्रों में जहां जानवरों की आवाजाही अधिक है, ऐसी तीखी फसलें लगाने पर विचार किया जाए जो वन्यजीवों को खेतों से दूर रखें। वन विभाग को यह भी निर्देश दिया गया कि जंगलों के बीच स्थित चाल–खाल को भरकर जल उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, ताकि जंगली जानवर पानी की तलाश में आबादी की तरफ न आएं।

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जिलाधिकारी ने कहा कि जंगल से लगे रिजॉर्ट, होटल और रेस्टोरेंट खुले में खाद्य सामग्री न फेंकें, इससे वन्यजीव बसावट क्षेत्रों में आने लगते हैं। उन्होंने इस पर तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए। अंत में जिलाधिकारी ने कहा कि प्रभावी कदम उठाकर मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करना प्रशासन की प्राथमिकता है….और इस दिशा में पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम किया जाएगा।

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