हल्द्वानी – उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में पौराणिक हस्तकला धीरे-धीरे लुप्त होती जा रही है पर्वतीय कारीगरों द्वारा तैयार किए जाने वाले हस्तशिल्प उत्पाद बेहद कम देखने को मिलते हैं, ऐसे में लुप्त होती इस परंपरा और पहाड़ी कारीगरों की आर्थिक रीड को बचाने के लिए हल्द्वानी स्थित क्राफ्ट बाजार ने नया कदम उठाया है। नैनीताल रोड पर सेंटपॉल स्कूल के बगल में स्थित क्राफ्ट बाजार ने पर्वतीय क्षेत्र के लगभग सभी पौराणिक हस्तकला, काष्ठ कला, ताम्र कला सहित अन्य हस्तशिल्पियों को बाजार उपलब्ध कराने का शानदार काम किया है। इसके साथ ही ग्राहकों के लिए भी यह आसान है कि उन्हें एक ही जगह पर हर प्रकार के हस्तकला के उत्पादन मिल रहे हैं। अगर आपको उत्तराखंड की हस्तशिल्प कला का हर सामान यहां उपलब्ध मिलेगा। सबसे अच्छी बात है कि पहाड़ की पुश्तैनी कारीगरों को प्रशिक्षण देकर आधुनिक रूप में इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुओं को हस्तकला से नया रूप दिया गया है।

हल्द्वानी के जज फार्म निवासी डॉ हरीश तिवारी पेशे से ऑर्गेनिक खेती से जुड़े हैं भारत ही नहीं बल्कि अन्य देशों में भी ऑर्गेनिक खेती के एक्सपर्ट के रूप में लंबे समय से काम करते आ रहे हैं। डॉ तिवारी ने बताया कि लगभग 20 साल पहले जब वह शुरुआती दौर पर काम कर रहे थे तब उन्होंने देखा कि पर्वतीय क्षेत्रों में फसल बोने के बाद किसान खाली रहता है, लिहाजा उसकी आर्थिक स्थिति बढ़ाने के लिए उसे हस्तशिल्प कला से जोड़ा जाए, जिससे कि खाली समय में वह हस्तशिल्प उत्पाद बनाकर अपने लिए आमदनी का अच्छा जरिया बना ले, इसी सोच के साथ कई जगह प्रशिक्षण देकर उन्होंने कारीगर तैयार कराए, इसके अलावा पहले से पर्वतीय क्षेत्रों में अपनी पुश्तैनी रूप में काम देख रहे कारीगरों से भी संपर्क किया और उन्हें हल्द्वानी में बाजार उपलब्ध कराने के लिए नया आईडिया खोज निकाला, उन्होंने हल्द्वानी नैनीताल रोड पर सेंट पॉल स्कूल के बगल में ‘क्राफ्ट बाजार’ नाम का संस्थान बनाया जहां पर्वतीय क्षेत्र के हर उत्पाद को मार्केट में लाने का काम किया। डॉ तिवारी बताते हैं कि उनके पास तांबे से बने बर्तन और लोहाघाट क्षेत्र के लोहे से बने बर्तन और पौराणिक काष्ठ कला यानी लकड़ी पर कारीगरी सहित पर्वतीय क्षेत्रों में बांस से बनने वाले सुपे, डोका, टोकरी, डलिया सहित अन्य उत्पादों पर बाजार के फीडबैक के हिसाब से काम किया और उन्हें नया स्वरूप दिया जिससे कि वह लोगों के घरों में सुंदरता बिखरने के साथ-साथ इस्तेमाल में लाई जाए सके।

हल्द्वानी स्थित इस क्राफ्ट बाजार में आपको नैनीताल, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चंपावत जिले में बनने वाले हस्तशिल्प कला के नए-नए आधुनिक उत्पाद यहां मिल सकते हैं। जिनमे तांबे का कैंडल स्टैंड हो, या मिट्टी के घड़े का लैंप कवर, इसके अलावा काष्ठ कला के शोकेस, लकड़ी के फूलदान, काष्ठ कला से बनी कुर्सियां, इसके अलावा आधुनिक डिजाइन में बनी घर के सुंदरता को चार-चांद लगाने वाली वस्तुएं। साथ ही पर्वतीय क्षेत्र में पैदा होने वाला जूस, पहाड़ी पीसी नमक, सहित अन्य उत्पाद मौजूद है। इसके अलावा तांबे के बर्तन से बने आधुनिक गिलास, बोतल, थरमस वह अन्य उत्पाद है। इसके साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूह से बनाए जाने वाले रेजिंग से बने सुंदर-सुंदर उत्पाद भी आप यहां से खरीद सकते हैं कुल मिलाकर क्राफ्ट बाजार को एक क्लस्टर बाजार का रूप दिया गया है।

डा तिवारी के अनुसार उनका मुख्य उद्देश्य पहाड़ की हस्तशिल्प कला को बचाना और उन्हें आधुनिक रूप में परिवर्तन कर इनके कारीगरों रोजगार उपलब्ध कराना है और इसीलिए उन्होंने ‘क्राफ्ट बाजार’ बनाकर सभी प्रकार के हस्तशिल्पियों को उनके उत्पाद बेचने का मौका प्रदान किया है। उन्होंने बताया कि वह बड़ी मात्रा में डिमांड पर तांबे के व लोहे के बर्तन तैयार करने का काम भी करते हैं और यह सब पहाड़ों में मौजूद क्लस्टर समूह और पुश्तैनी कारीगरों द्वारा तैयार किया जाता है। अगर आपको भी अपने घर की सजावट या फिर पर्वतीय उत्पादो से लगाव है तो आप क्राफ्ट बाजार में अपने पसंदीदा वस्तुओं को देखकर खरीद सकते हैं।
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