देहरादून: उत्तराखंड में शिक्षकों की पदोन्नतियां टीईटी अनिवार्यता के कारण रुक गई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने एक सितंबर 2025 को आदेश दिया है कि सेवा अवधि में पांच साल से अधिक बाकी रहने वाले सभी शिक्षकों को दो साल के भीतर शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण करनी होगी। इस फैसले के बाद बेसिक और जूनियर हाईस्कूल के 18 हजार से अधिक शिक्षकों की पदोन्नतियां स्थगित कर दी गई हैं।
शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे शिक्षकों को इस आदेश की जानकारी दें। चमोली, टिहरी गढ़वाल और चंपावत जैसे जिलों में पदोन्नति के विरोध में धरना प्रदर्शन भी जारी है।
प्रदेश सरकार ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का निर्णय लिया है और इसकी कार्रवाई जारी है।
जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विनोद थापा ने कहा कि 2010-11 से पहले नियुक्त शिक्षकों पर टीईटी अनिवार्यता लागू नहीं होनी चाहिए क्योंकि उस समय टीईटी व्यवस्था नहीं थी। उन्होंने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट से अंतिम फैसला आने तक पदोन्नति रोकने का फैसला वापस लिया जाए।
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