पहाड़ व पहाड़ के रोज़गार
इस वर्ष 9 November को हमारा राज्य उत्तराखंड अपना बीसवाँ स्थापना दिवस मनायेगा , यानि की हमारा राज्य इसी वर्ष अपनी उम्र के बीस वर्ष पूरे कर लेगा , राज्य के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में हर साल की भाँति इस साल भी प्रदेश भर में अनेकों सांस्कृतिक व राज्य प्रेम से जुड़े कार्यक्रम होंगे , जो कि होने भी चाहिये , क्यों कि हमारे बुजुर्गों ने इस राज्य की माँग व इसे बनाने में अपना पूरा जीवन खफा दिया , इन राज्य आंदोलनकारियों में कुछ तो हमें छोड़कर चल बसे , व कुछ आज भी जीवित हैं , जो आज जीवित हैं उन में से कुछ पहाड़पुत्रों से विगत दिनों में मुझे भी मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ , इन मुलाक़ातों के दौरान इन सभी से राज्य की माँग से लेकर राज्य के बनने तक व राज्य के मौजूदा हालातों पर मेरी विस्तार से बातचीत हुई , व राज्य को लेकर बेहद ही गहनता से विचार विमर्श हुआ ‘कि इन बीस सालों में हम कहाँ खड़े हैं , हम ने क्या पाया , और क्या खोया , जो पाया तो वह क्यों पाया , और किस क़ीमत पर पाया , जो नहीं पाया , तो वह क्यों नहीं पाया , और उसे पाना क्यों हमारे लिये बहुत ज़रूरी था , है , या नहीं था , ख़ैर इस बारे में कभी विस्तार में अपनी क़लम के माध्यम से आप सभी के समक्ष उन बातचीतों के हर अंशों को रखने की कोशिश करूँगा , और मुझे उम्मीद है कि आप सभी में हमारे इन हिमालय पुत्रों से हुई मेरी बातचीत के अंशों को जानने की उत्सुकता रहेगी .

अब लौटते हैं “ पहाड़ व उस के रोज़गार की तरफ़ ,,
पोर्ट ब्लेयर ,
जी हाँ अंडमान निकोबार, जिसे हम सब कालापानी के नाम से भी जानते हैं ,, वहाँ तक हमारा युवा पहुँच गया है , वो भी मात्र तेरह हज़ार महीने भर की तनख़्वाह के लिये , इसे क्या कहेंगे आप , हमारी जीत , हार , या फिर अवहेलना ,
मेरे तीनों सवाल समाज , सरकार व इस व्यक्ति से भी हैं जो मात्र तेरह हज़ार महीने की नौकरी करने के लिये कालापानी तक पहुँच गया .
लेख ज़ारी है —— ……. अगले भाग में !

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2 thoughts on “‘बात पहाड़ की’ लोकगायक बीके सामंत की कलम से (भाग 1)”
Comments are closed.
Sir
To stop migration .
If you see 30 to 40 % population of uttarakhand belongs to defense services and if we open central or army schools as well as improve medical situation.
Most of defense person migrate from hill to plain area only for their children education. For eg. If you see most of army person’s family staying Kashipur, Kotdwar or Dehradhun etc
It is significant step to stop migration
U R RIGHT SIR