उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पारिवारिक मसले पर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अमेरिकी महिला और उत्तराखंडी पति के बेटे की कस्टडी Covid-19 के कारण फिलहाल पिता को दे दी है और अगली सुनवाई 18 दिसंबर 2020 को रख दी है । अमेरिका निवासी जूलिया मे सालो मणि और देहरादून निवासी अर्पण मणि ने 9 जुलाई 2012 को भारत मे शादी की थी । इसके बाद दोनों अमेरिका और थाईलैंड में रहने लगे । उनका एक पुत्र लियाम पैदा हुआ । थाईलैंड में रहने के दौरान अनीतिगत तरीके से पिता द्वारा लियाम को भारत लाया गया । याचिकाकर्ता जूलिया मे सालो मणि ने बेटे को अपने साथ अमेरिका ले जाने के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की।
कुमाऊं- जिला योजना के 40 प्रतिशत धनराशि कृषि सेक्टर में व्यय करें अधिकारी: कृषि मंत्री
अपनी याचिका में उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड सरकार और अर्पण उनके पुत्र लियाम को न्यायालय के सम्मुख पेश करे । इसके अलावा बेटी की कस्टडी उन्हें सौंपे और फिर न्यायालय जो भी उनके पक्ष में ठीक निर्णय दे । वरिष्ठ न्यायाधीश सुधांशू धूलिया और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने कोविड-19 को देखते हुए दिसंबर तक बच्चे की कस्टडी पिता के पास रख दी है । बीती 28, 29 और 30 अगस्त् को हुई सुनवाई में न्यायालय ने लियाम के पिता अर्पण को भी देहरादून न्यायालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए उपस्थित रहने को कहा । न्यायालय ने कहा कि उनके सामने तीनों लोग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मौजूद हैं । बेटे ने दोनों, माँ और बाप के साथ रहने की इच्छा जताई है । न्यायालय ने कहा कि ये साफ है कि परिवार किसी अंतिम निर्णय तक नहीं पहुंचा है । परिवार के आपसी समझौते के बाद कोविद19 की स्थितियों को देखते हुए बेटे को फिलहाल बाप के साथ रहना तय हुआ, जिसपर याचिकाकर्ता ने सहमति दे दी है। न्यायालय ने बेटे लियाम की कस्टडी फिलहाल पिता को देते हुए दोनों से आपसी वार्ता कर समझौते का रास्ता निकालने को कहा है । न्यायालय ने अगली सुनवाई 18 दिसंबर 2020 को रख दी है ।
अपने मोबाइल पर ताज़ा अपडेट पाने के लिए -
👉 व्हाट्सएप ग्रुप को ज्वाइन करें
👉 यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें
हमारे इस नंबर 7017926515 को अपने व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ें