नैनीताल- सूर्य ग्रहण की दुर्लभ घटना को देखने और समझने के लिए देशभर के लोगों ने नैनीताल के आर्यभट्ट प्रेक्षण एवं अनुसंधान केंद्र(एरीज)से ऑनलाइन संपर्क किया । संस्थान के डायरेक्टर(निदेशक)ने सभी को इसके बारे में जानकारी दी और उन्हें इसे समझने में मदद की ।
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नैनीताल के एरीज से, चंद्रमा के सूर्य को ढकने की ऐतिहासिक घटना को देखा गया । संस्थान की पहल के बाद देशभर की जनता ने यहां संपर्क कर अपने सवालों के जवाब लिए । निदेशक ने इछुक सैकड़ों लोगों को सूर्यग्रहण के बारे में विस्तार से जानकारियां दी । दस बजकर छब्बीस मिनट से शुरू हुआ ये सूर्यग्रहण दोपहर पौने दो बजे तक चला । पूर्ण सूर्यग्रहण अलग अलग स्थानों में एक मिनट से कम चल सका । देशभर के सैकड़ों लोगों ने निदेशक से बात कर अपनी जिज्ञासाओं पर विराम लगाया । Rare occurrence of solar eclipse
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एरीज ने सभी के सवालों का उत्तर वीडियो जारी कर आसान भाषा में दिया । इससे पहले पूर्ण सूर्यग्रहण 26 दिसम्बर 2019 को भारत के दक्षिणी हिस्सों से देखा गया था । भारत से अगला सूर्यग्रहण देखना 20 मार्च 2034 को संभव हो सकेगा । टिहरी से देश का सबसे सुंदर सूर्यग्रहण दिखेगा । सभी वीडियो लद्दाख के हनले ऑब्जर्वेटरी से जारी किए गए थे । नैनीताल की इस संस्था में शोध कर रहे छात्र छात्राओं ने भी इस दुर्लभ खगोलीय घटना का आनंद उठाया ।
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