नैनीताल- उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने शिवालिक एलीफैंट रिज़र्व को डी-नोटिफ़ाई करने के सरकार के दूसरे बड़े कदम पर भी रोक लगा दी है । याचिकाकर्ता रीनू पौल की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सोमवार को मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान और न्यायमूर्ति मनोज तिवारी की खंडपीठ ने कड़ा रुख अख्तियार किया । याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिजय नेगी के अनुसार, सरकार के 24 नवम्बर 2020 को जारी शासनादेश में शिवालिक एलीफैंट रिज़र्व को इस श्रेणी से हटा दिया(डी-नोटिफाई)गया था । इसको आधार मानते हुए जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसपर खंडपीठ ने 8 जनवरी 2021 को रोक लगा दी थी ।
यह भी पढ़ें👉 हल्द्वानी- 16 जनवरी से ऐसे लगेगी कोरोना की वैक्सीन, मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताई यह काम की बात
राज्य सरकार ने महामहिम राज्यपाल की ओर से हस्ताक्षर होने के साथ ही, उच्च न्यायालय के 8 जनवरी के आदेश के दिन ही शासनादेश जारी कर शिवालिक एलीफैंट रिज़र्व को डी-नोटिफ़ाई कर दिया । इसके खिलाफ, याचिकाकर्ता रीनू पौल ने उच्च न्यायालय में शीघ्र सुनवाई के लिए शनिवार एवं रविवार को प्रार्थना की। उच्च न्यायालय ने इस प्रकरण को सोमवार को सुनने के बाद, तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है । सरकार की तरफ से पैरवी महाधिवक्ता एस.एन.बाबुलकर ने न्यायालय में अपना पक्ष रखा जिसे सुनने के बाद न्यायालय ने अग्रिम आदेशों तक राज्यपाल के हस्ताक्षरों वाले शासनादेश पर भी रोक लगा दी है ।
यह भी पढ़ें👉 देहरादून- कोरोना की टेंशन के बीच एक और डर, राज्य में बर्ड फ्लू की हुई पुष्टि, हाई एलर्ट
अपने मोबाइल पर ताज़ा अपडेट पाने के लिए -
👉 व्हाट्सएप ग्रुप को ज्वाइन करें
👉 यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें
हमारे इस नंबर 7017926515 को अपने व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ें