उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने विधायक अमनमणि त्रिपाठी और नौ अन्य को लॉकडाउन के दौरान बद्रीनाथ व केदारनाथ जाने के लिये उत्तराखण्ड सरकार के स्पेशल पास के खिलाफ दायर जनहित याचिका में विधायक अमनमणि व साथी, पौड़ी, चमोली, देहरादून और रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी को नोटिस जारी कर सरकार से तीन हफ्ते में जवाब देने को कहा है । न्यायधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आर.सी.खुल्बे की खण्डपीठत ने देहरादून निवासी याचिकाकर्ता उमेश शर्मा की जनहित याचिका पर सुनवाई की । उमेश ने इनके अलावा डी.जी.पी., प्रिंसिपल सेकेट्री, सी.बी.आई.और सचिव ओम प्रकाश को भी पक्षकार बनाया है।
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मामले के अनुसार याची ने न्यायालय से कहा कि उत्तराखंड शासन में अपर सचिव के पद पर तैनात ओम प्रकाश की तरफ से विधायक अमनमणि त्रिपाठी समेत कुल 10 लोगों को यू.पी.के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता के पितृ कर्म हेतु बद्रीनाथ व केदारनाथ धाम जाने के लिये विशेष पास जारी कर उनको जाने की अनुमति प्रदान की थी । इसके बाद मामले ने तूल पकड़ ली और उन्हें रुद्रप्रयाग में पुलिस ने थाम लिया। याचिकर्ता ने यह भी कहा है कि इस वक्त देश मे लॉकडाउन चल रहा है और केंद्र सरकार ने सभी राज्यो को सख्ती से पालन कराने का आदेश भी दिया है, इसके बावजूद उत्तराखंड सरकार की तरफ से इनको पास जारी करना गलत है । सरकार ने डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के उल्लंघन किया है, इसलिए पूरे मामले की सी.बी.आई.जांच कराई जाय।
खण्डपीठ ने मामले को सुनते हुए विधायक अमनमणि और उनके साथी, पौड़ी, चमोली, देहरादून और रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी को नोटिस जारी कर सरकार से तीन हफ्ते में जवाब देने को कहा है । खण्डपीठ ने सरकार से पूछा है की आंखिर किन परिस्तिथियों में इनको स्पेशल पास जारी किया गया, जबकि भारत सरकार की तरफ से राज्यो को लॉकडाउन का पूर्ण पालन कराने को कहा गया था ?
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