बड़े-बड़े दावे करने वाले नैनीताल के जिला प्रशासन की एक पत्र ने पोल खोल कर रख दी है दरअसल यह पत्र सुशीला तिवारी अस्पताल में कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों के उपचार में लगे डॉक्टरों और स्टाफ ने भेजा है यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिनको को कोरोनावायरस से हमें बचाना है उनके लिए प्रशासन सुविधा तक नहीं मुहैया करा पा रहा?
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दरअसल कोरोनावायरस से जंग लड़ रहे सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज के कोरोना वैरियर्स की 40 सदस्य टीम 1 सप्ताह से होटलों में रह रही है जहां उनको आए दिन असुविधाओं से दो चार होना पड़ रहा है डॉक्टरों के स्टाफ द्वारा भेजे गए पत्र में यह लिखा गया है कि उनको कई तरह की दिक्कतें हो रही है भोजन तक उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, होटल के रूम में चादर तक नहीं बदली जाती यहां तक कि अपने खाने के बर्तन भी खुद धोने पड़ते हैं आखिर वह ऐसे संघर्ष में कैसे कोरोना से जंग जीत लेंगे?
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इस समय डॉक्टर सुशीला तिवारी राजकीय मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड में कोरोनावायरस संक्रमित मरीजों की संख्या 12 है और इनके इलाज के लिए सीनियर और जूनियर डॉक्टरों समेत 40 कर्मचारियों का स्टाफ है जिसे रामपुर रोड 3 होटलों में ठहराया गया है।
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उधर लगातार डॉक्टरों को सुविधाएं न मिलने की खबरों के बाद जिला प्रशासन की व्यवस्थाओं पर न सिर्फ सवाल खड़े हो रहे हैं बल्कि नैनीताल जिला प्रशासन के दावों की पोल पूरी तरह खुल चुकी है हालांकि राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य अब स्थिति सामान्य होने की बात कह रहे हैं लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि जिनके भरोसे जनता है उनको सुविधाएं आखिर क्यों नहीं दी जा रही??
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