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हल्द्वानी- (बड़ी खबर) STH में प्लेटलेट्स के जंबो पैक मशीन का सफल ट्रायल, डेंगू के मरीजों के उपचार के लिए राहत भरी खबर

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हल्द्वानी- हर वर्ष डेंगू के प्रकोप के चलते हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में प्लेटलेट्स की कमी की होने वाली समस्या इस वर्ष दूर हो गई है। सुशीला तिवारी अस्पताल में डेंगू के मरीज को चढ़ने वाले प्लेटलेट्स के जंबो पैक बनाने वाली मशीन का क्रय कर सफल परीक्षण कर लिया गया है जो कि पूरे कुमाऊ वासियों के लिए उपचार में राहत की खबर है। सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में रक्तकोष विभाग में ‘ए फेरेसिस मशीन’ का ट्रायल लिया गया जो पूर्णतः सफल हुआ। पूर्व में चिकित्सालय के रक्तकोष विभाग में ब्लड सैपरेटर मशीन स्थापित थी जिससे रक्त को सैपरेट करके प्लेटलेट्स बनाये जाते थे। उक्त ब्लड सैपरेटर द्वारा ब्लड डोनर से 01 यूनिट रक्त डोनेट करने से 01 ही यूनिट प्लेटलेट्स (140 एम0एल0) बनता था तथा रक्त के अन्य कम्पोनेंट भी डोनेट हो जाते थे अब ए फेरेसिस मशीन स्थापित होने से प्लेटलेट्स के मरीजों को प्लेटलेट्स के जम्बो पैक उपलब्ध होंगे।

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डा0 सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में लम्बे समय से कोशिश की जा रही थी कि रक्तकोष विभाग में प्लेटलेट्स के जम्बो पैक बनाने के लिए मशीन को क्रय किया जाये। पिछले डेढ़ वर्षो से उक्त मशीन को क्रय करने की प्रक्रिया चल रही थी जिसके फलस्वरूप लगभग 1 माह पूर्व मशीन को क्रय किया जा सका। ए फेरेसिस मशीन स्थापित होने से प्लेटलेट्स के रोगियों को प्लेटलेट्स प्राप्त करने में आसानी होगी क्योकि पूर्व में रोगी को यदि 50,000 प्लेटलेट्स की आवश्यकता है तो उसको 5 से 10 यूनिट ब्लड डोनेट करना पड़ता था जिससे प्लेटलेट्स उपलब्ध हो पाते थे अब इस मशीन के लग जाने से 1 यूनिट ब्लड से ही 10 गुना प्लेटलेट्स निकल सकता है जो जम्बो पैक कहलाता है।

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रक्तकोष प्रभारी डा0 सलोनी उपाध्याय ने बताया कि आज हमने इस मशीन का ट्रायल लिया जो पूर्णतः सफल हुआ, किसी भी डोनर के रक्त से प्लेटलेट्स निकालने से पूर्व उसकी सम्पूर्ण जाॅचें करायी जाती है जैसे सी0बी0सी0, प्लेटलेट्स काउंट, जी0बी0पी0, वजन, वेट, हाईट आदि का परीक्षण किया जाता है सारी जाॅचें उपयुक्त आने पर ही उक्त डोनर का प्लेटलेट्स लिया जाता है। इस प्लेटलेट्स निकालने की प्रक्रिया में अनुभवी विशेषज्ञ का वहाॅ पर रहना आवश्यक होता है क्योकि प्लेटलेट्स निकालने की प्रक्रिया में रक्त एक तरफ से बाहर आता है तथा दूसरी तरफ से वापस जाता है जिससे डोनर के शरीर से सिर्फ प्लेटलेट्स ही लिया जाता है। डा0 सलोनी ने बताया कि उक्त मशीन को पूर्ण रूप से संचालित करने के लिए लाईसंेस की आवश्यकता होती है हमारे द्वारा लाईसेंस के लिए आवेदन कर दिया गया है जो 2 से 3 दिन में आ जायेगा।

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मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डा0 सी0पी0 भैसोड़ा ने बताया कि यह एक बहुत अच्छी व खुशी की बात है कि डा0 सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में ए फेरेसिस मशीन को हमारे द्वारा क्रय करके स्थापित कर दिया है। पिछले वर्ष डेंगू सीजन में कई रोगियों को प्लेटलेट्स के लिए बहुत परेशानी उठानी पड़ी इस मशीन के स्थापित होने से यह मशीन डेंगू सीजन में संजीवनी बूटी का काम करेगी। Successful trial of Jumbo Pack Machine of Platelets in STH

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