चमोली-चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ की चल विग्रह डोली शीतकालीन गद्दी स्थल गोपीनाथ मंदिर से कैलाश रुद्रनाथ के लिए रवाना हुई. 18 मई को भगवान रुद्रनाथ के मंदिर के कपाट खुलने की तिथि तय हुई है इस प्रक्रिया के तहत सुबह से ही रुद्रनाथ के पुजारियों द्वारा डोली विदा कार्यक्रम में पूजा अर्चना की गई पूजा अर्चना के बाद स्थानीय लोगों द्वारा सामाजिक दूरियों के साथ भगवान रुद्रनाथ की चल विग्रह डोली को सादगी से के साथ कैलाश के लिए विदा की गई, क्योंकि 17 मई तक लॉक डाउन के निर्देशों का पालन करने के लिए प्रशासन ने सीमित मात्रा में मंदिरों तक पहुंचने की अनुमति दी है. इसी को देखते हुए रुद्रनाथ मंदिर के लिए भी डोली के साथ केवल 20 लोग ही इस यात्रा में शामिल हुए जो भगवान रुद्रनाथ की 22 किलोमीटर की पैदल यात्रा में साथ रहेंगे
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18 मई को जब भगवान रुद्रनाथ के कपाट खुलेंगे इस पल की साक्षी बनने के लिए आम श्रद्धालु मौजूद नहीं रह पाएंगे मंदिर के मुख्य पुजारी वेद प्रकाश का कहना है कि बद्रीनाथ रुद्रनाथ में भगवान शिव के मुखारविंद के दर्शन होते हैं जो अपने आप में इस मंदिर की विशेष महत्ता है जिसको लेकर हजारों की संख्या में हर वर्ष श्रद्धालु इस इस विकट यात्रा को पार करके पहुंचते थे लेकिन इस बार कोरोना महामारी का असर मंदिरों में भी देखने को मिल रहा है.
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