भीमताल-(बड़ी खबर)- किसको मिलेगा टिकट? कशमकश में समर्थक

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भीमताल- उत्तराखंड में 14 फरवरी को दूसरे चरण में मतदान होने हैं ऐसे में राजनीतिक दलों के पास प्रत्याशी चयन के लिए 1 महीने से कम का वक्त है रायशुमारी के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों के केंद्रीय आलाकमान टिकट की घोषणा करने के लिए मंथन में जुटा हुआ है। भाजपा की बात की जाए तो नैनीताल जिले में भाजपा के सामने भीमताल विधानसभा सीट में टिकट देना बड़ा ही रोमांचक रहने वाला है। क्योंकि यहां हाल ही में निर्दलीय चुनाव जीते राम सिंह कैड़ा को भाजपा में शामिल कर लिया गया है, लेकिन पार्टी का झंडा डंडा उठाने वाले कार्यकर्ता और दावेदार कैड़ा को स्वीकारने को तैयार नहीं है। लिहाजा भीमताल विधानसभा में भाजपा को टिकट देना न सिर्फ चुनौती होगी बल्कि उसके बाद डैमेज कंट्रोल करना भी भारी पड़ेगा।

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विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा की तैयारी से पहले 2017 के आंकड़ों पर नजर डालें तो भीमताल विधानसभा में 2017 में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतरे राम सिंह कैड़ा को 18878 यानी 30 फ़ीसदी मत मिले हैं। इसके अलावा भाजपा से उम्मीदवार गोविंद सिंह बिष्ट को 15432 यानी 25 फ़ीसदी मत मिले हैं और कांग्रेस के प्रत्याशी रहे दान सिंह को 14702 यानी 24% मत मिले हैं, जबकि पहाड़ में बसपा ने भी काफी वोट बटोरे हैं। तारा दत्त पांडे ने बसपा से 8444 वोट हासिल किए हैं इसके अलावा अन्य पार्टियां वह निर्दलीय 3 अंकों में सिमट कर रह गई। भीमताल विधानसभा में 2017 में 96683 मतदाताओं में से 61230 मतदाताओं ने मतदान किया 63.33 फ़ीसदी मतदान किया गया, जिसमें भाजपा के उम्मीदवार से 3446 वोट यानी 5.63% वोटों के मार्जिन से निर्दलीय विधायक रामसिंह कैड़ा विधायक बने हैं।

भीमताल विधानसभा में अगर भाजपा के दावेदारों पर नजर डाली जाए तो हाल ही में पार्टी में शामिल हुए राम सिंह कैड़ा, पूर्व कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह बिष्ट, पूर्व मंडी अध्यक्ष मनोज साह, यूसीडीएफ के चेयरमैन मुकेश बोरा और ब्लाक प्रमुख आशा रानी सहित कई दिग्गज शामिल है। बीजेपी के सामने सबसे बड़ी मुश्किल इस बात की है की पार्टी में शामिल किए गए विधायक राम सिंह के पक्ष में ज्यादातर कार्यकर्ता व संगठन के नेता अब तक स्वीकार नहीं पाए हैं इसके अलावा दावेदारों ने तो स्पष्ट कहा है कि पार्टी को सालों से सींच कर पार्टी का डंडा और झंडा उठाने वाले दावेदारों को ही टिकट दिया जाना चाहिए।

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पर्यटन की असीम संभावनाओं और विषम भौगोलिक परिस्थितियों सहित किसानों की समस्याओं से घिरे भीमताल विधानसभा में इस बार आपदा ने भी काफी जख्म दिए हैं, ऐसे में जनता किस पार्टी की ओर रुख करती है यह तो 10 मार्च को पता चलेगा लेकिन उससे पहले भाजपा के सामने चुनाव जीतने से पहले टिकट की जंग को मान मनोबल के साथ जीतना बेहद कठिन माना जा रहा है।

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