उत्तराखंड- 22 अक्टूबर को घर आने का था वादा, अब तिरंगे में लिपट कर आएगा शहीद बेटे का पार्थिव शरीर

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UTTARAKHAND NEWS- दशहरे के दिन उत्तराखंड के लिए बुरी खबर उस समय सामने आई जब यह पता लगा कि जम्मू के पूंछ जिले के नाढख़ास में आतंकवादियों से मुठभेड़ में टिहरी गढ़वाल के राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी और चमोली के राइफलमैन योगंबर सिंह शहीद हो गये। शनिवार को दोनों शहीदों का पार्थिव शरीर उनके गांव लाए जाएंगे। टिहरी के विमाण गांव निवासी 26 वर्षीय राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी के शहीद होने की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। शुक्रवार सुबह 11 बजे पार्वती देवी को फोन पर पति विक्रम सिंह नेगी के शहीद होने की सूचना मिली।

देश की रक्षा के खातिर सीमा में शहीद हुए विक्रम अपने घर का इकलौता बेटा था। उनकी एक बहन है, जिसकी शादी हो चुकी है। शहादत की खबर के बाद से ही विक्रम की 95 वर्षीया दादी रुकमा देवी, मां बिरजा देवी और पत्नी पार्वती बेसुध हैैं। 22 अक्टूबर को विक्रम को फिर घर आना था। उनके घर में पूजा रखी गई थी, लेकिन इससे पहले ही उनके शहीद होने खबर आ गई। हमेशा की तरह गुरुवार शाम छह बजे भी उन्होंने व्हाट्सअप पर पत्नी और मां से बातचीत की थी। विक्रम ने बताया था कि पूजा के लिए वे 22 अक्तूबर को घर पहुंच जाएंगे। लेकिन बेटे के शहीद होने की खबर मिलते ही परिवार की खुशियां मातम में बदल गईं।

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विमाण गांव निवासी साब सिंह नेगी के इकलौते बेटे विक्रम सिंह पांच साल पहले सेना में भर्ती हुए थे। तीन साल पहले ही विक्रम की शादी हुई थी। डेढ़ माह पहले ही विक्रम कुछ दिनों की छुट्टी बिताकर ड्यूटी पर लौटे थे। बातचीत में विक्रम ने वादा किया था कि 22 अक्तूबर को पूजा के लिए वह घर पहुंच जाएंगे। उन्होंने मां और पत्नी से पूजा की तैयारी करने को भी कहा।

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