उत्तरकाशी: उत्तरकाशी ज़िले के आराकोट बंगाण क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्था की बड़ी लापरवाही सामने आई है। एक पागल कुत्ते द्वारा काटी गई गाय का दूध पीने से क्षेत्र के 17 ग्रामीण…जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं अचानक बीमार पड़ गए।
ग्रामीणों को तब होश आया जब पता चला कि जिस गाय का दूध वे लगातार पी रहे थे उसे कुछ दिन पहले पागल कुत्ते ने काट लिया था और उसकी मौत हो चुकी है। इस जानकारी के बाद पूरे गांव में दहशत फैल गई। सभी पीड़ित तुरंत इलाज के लिए अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आराकोट पहुंचे लेकिन वहां न डॉक्टर मौजूद थे और न ही ज़रूरी एंटी रेबीज इंजेक्शन।
बिना देरी किए सभी ग्रामीणों को देहरादून के त्यूणी अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें एंटी रेबीज की पहली और दूसरी डोज़ दी गई।
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सामाजिक कार्यकर्ता मनमोहन सिंह चौहान ने मोरी ब्लॉक के स्वास्थ्य अधिकारियों से संपर्क कर आराकोट केंद्र में तुरंत इंजेक्शन उपलब्ध कराने की मांग की। इसके बाद 8 अक्टूबर को तीसरी डोज़ वहीं पर लगाई गई…जिससे ग्रामीणों को काफी राहत मिली। अब अगली डोज़ 28 अक्टूबर को लगाई जाएगी।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद ग्रामीणों ने स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों और स्टाफ की कमी को लेकर प्रशासन से व्यवस्थाएं सुधारने की मांग की है।
स्थानीय चिकित्सक डॉक्टर नीतेश का कहना है कि जैसे ही ग्रामीणों की तबीयत बिगड़ने की सूचना मिली, तत्काल इंजेक्शन उपलब्ध कराए गए और आगे भी चिकित्सा सहायता दी जाती रहेगी।
क्या करें अगर काट ले कुत्ता या पागल जानवर?
घाव को तुरंत साफ पानी और साबुन से कम से कम 15 मिनट तक धोएं।
तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर डॉक्टर से संपर्क करें।
घाव पर एंटीसेप्टिक क्रीम लगाएं।
काटे जाने के 72 घंटे के भीतर एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाना बेहद ज़रूरी है।
पालतू जानवरों को रेबीज का टीका नियमित रूप से लगवाना न भूलें।

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