देहरादून- दुनिया भर के कई देशों में कोविड-19 के बाद मंकीपॉक्स बीमारी ने दस्तक दी है दुनिया भर में 11000 से अधिक मामले अब तक आ चुके हैं विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ के अनुसार दुनिया में अब तक मंकीपॉक्स के 11076 मामले सामने आए हैं। भारत में भी इस बीमारी की दस्तक शुरू हो गई है लिहाजा केंद्र सरकार ने एडवाइजरी जारी की है। और उत्तराखंड के स्वास्थ्य महकमे द्वारा भी मंकीपॉक्स को लेकर स्वास्थ्य में ऐड कर दिया गया है।
डॉक्टरों के मुताबिक मंकीपॉक्स एक वायरल संक्रमण है, जो पहली बार 1958 में बंदरों में मिला था और 1970 में पहली बार इंसान में इसकी पुष्टि हुई थी। अधिकतर मध्य और पश्चिमी अफ्रीकी देशों में पाया जाता है। वायरस मरीज के घाव से निकलकर आंख नाक और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। इसके अलावा जानवरों के काटने या शरीर में कौन सा उसे भी फैलता है डब्ल्यूएचओ के मुताबिक 73 देश इस से संक्रमित हैं। और इस वायरस के चपेट में आने वाले लोग 2 से 4 सप्ताह में ठीक हो रहे हैं फिलहाल डॉक्टरों का कहना है कि मंकीपॉक्स का कोई इलाज नहीं है हालांकि चेचक का टीका इसे रोकने में 85% प्रभावित हुआ है और यदि आपके शरीर में मवाद भरे दाने, सिर दर्द, बुखार, थकान, लिवर में सूजन, मांसपेशियों में दर्द होना पेट और कमर में दर्द है तो यह इस बीमारी के लक्षण है।
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