टिहरी और उत्तरकाशी के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए अच्छी खबर, यहां के 86 सड़को पर मिलेगी ट्रांसपोर्ट सुविधा।
टिहरी और उत्तरकाशी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे लोगों के लिए अच्छी खबर सामने आई है। खबर है कि दोनों जिलों के 86 सड़कों पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा मिलेगी। इन सड़कों पर बस–टैक्सी के संचालन के लिए आरटीए ने अपनी मंजूरी दे दी है।
दरअसल इन दोनों जिलों में कई सड़के सालों पहले बनके तैयार हो चुकी थी, लेकिन परिवहन विभाग से सड़के पास ना होने के कारण इन सड़कों पर बस सेवा और टैक्सियों की सुविधा नहीं थी। हालांकि इनमें कुछ सड़कों पर टैक्सियों का संचालन हो रहा था, लेकिन उनका संचालन नियमों के विपरित हो रहा था। आपको जानकारी देते हुए बता दे की आरटीए ने टिहरी के सड़कों पर अधिकतम स्पीड लिमिट भी तय कर रखी है। यह स्पीड लिमिट इस प्रकार है:– राष्ट्रीय राजमार्ग पर हल्के वाहन 40 किमी. प्रति घंटा, भारी वाहन 30, राज्य मार्ग पर हल्के वाहन 35, भारी वाहन 25, मुख्य जनपदीय मार्ग, अन्य जनपदीय मार्ग और ग्रामीण मार्ग पर हल्के वाहन 25 और भारी वाहन 20, आबादी क्षेत्र मेंगति सीमा 20 किमी प्रति घंटा होगी।
ई–रिक्शा संचालन के लिए एक्शन प्लान तैयार
प्रदेश में ई-रिक्शा के चलते शहरों में ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई है। इसलिए देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश और रुड़की में ई-रिक्शा की संख्या को सीमित किया जाएगा। इन्हें मुख्य मार्गो पर प्रतिबंधित करने की कवायद शुरू हो चुकी है। डीएम, एसएसपी और आरटीओ मिलकर इसके तहत एक्शन प्लान बनाएंगे। दरअसल देहरादून के ईसी रोड स्थित गढ़वाल आयुक्त कार्यालय में मंगलवार को संभागीय परिवहन प्राधिकरण (RTA) की बैठक हुई जिसमें यह फैसला लिया गया। आरटीए के सचिव सुनील शर्मा का कहना है कि प्लान के तहत ई-रिक्शा के संचालन, इनके परमिट और संख्या सीमित करने के साथ ही ई-रिक्शा संचालकों का सत्यापन किया जाएगा
नया वाहन खरीदने पर ही मिलेगा परमिट
आरटीए ने वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए अहम निर्णय लिया है। दरअसल अब नया वाहन खरीदने पर ही स्टेज कैरिज यानी सवारियां ले जाने का परमिट मिल पाएगा। आपको बता दे पुराने वाहनों को स्टेज कैरिज के नए परमिट जारी नहीं किए जाएंगे। नए वाहन खरीदने पर ही नई परमिट दिए जाता है। बस, सिटी बस या ओमनी बस का परमिट तभी मिलेगा जब वाहन का मालिक नया वाहन लेकर आएगा।
विक्रम पर अभी तक कोई फैसला नहीं
विक्रम वाहनों का मामला हाईकोर्ट में लंबित होने के कारण उन्हें शहर से बाहर करने पर फैसला नहीं हो पाया। शहर में फिलहाल विक्रम चलते रहेंगे। हालांकि, परिवहन विभाग विक्रम संचालकों के साथ बैठक कर उनको ग्रामीण क्षेत्रों में चलने के लिए प्रेरित करेगा। आरटीए सचिव सुनील शर्मा ने बताया कि विक्रम वाहन 25 किमी की परिधि में चल सकते हैं, फिर विक्रम संचालकों की बैठक बुलाकर उनको ग्रामीण क्षेत्रों में चलने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
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