चमोली- उत्तराखंड में चमोली जिले के रैणी में आई आपदा के दौरान तपोवन सुरंग में काम कर रहे कुछ मजदूरों के फंसे होने की जानकारी मिली तो आईटीबीपी के जवान देवदूत बनकर उतरे। गहरी खाई में रस्सियों के सहारे उतरकर टीम मजदूरों को बचाने में जुट गई। जवानों ने अब तक करीब 12 मजदूरों को सकुशल बचा लिया हैआपदा के दौरान तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना को भी भारी नुकसान पहुंचा है। तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना का इन दिनों सुरंग निर्माण कार्य जोरों पर चल रहा था। रविवार को भी सुरंग निर्माण कार्य में सैकड़ों मजदूर जुटे हुए थे।
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ऋषिगंगा नदी में जैसे ही बाढ़ आई सुरंग में भी नदी का पानी और मलबा घुस गया। इस दौरान वहां काम कर रहे करीब 16 से 17 मजदूर मलबे में फंस गए। आपदा की सूचना पर आईटीबीपी, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ टीमें बचाव कार्य में जुट गईं।इस दौरान आईटीबीपी की टीम तपोवन की सुरंग में गई। टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद वहां से मजदूरों को रेस्क्यू करना शुरू किया। टीम को नीचे उतरने में हालांकि काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा, लेकिन कई मजदूरों को सकुशल निकाल लिया गयाबता दें कि चमोली जिले के रैनी में रविवार सुबह ग्लेशियर फट गया था।
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इसके बाद वहां एक बांध भी क्षतिग्रस्त हो गया जिससे धौली नदी में बाढ़ आ गई। आपदा में अभी तक करीब दस लोगों की मौत की सूचना है।आईटीबीपी के अधिकारियों के अनुसार, 200 से अधिक जवान स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। स्थिति का आंकलन करने के लिए एक टीम मौके पर मौजूद है। लोगों को जागरूक करने और बाहर निकालने के लिए जोशीमठ के पास एक और टीम तैनात की गई है। स्थिति नियंत्रण में है।
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