उत्तराखंड- 40 हजार जहरीले सांप पकड़ चुके हैं यह सर्पमित्र, रसेल वाइपर को इस तरह किया रेस्क्यू

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उत्तराखंड वनाच्छादित प्रदेश होने के साथ-साथ वन्यजीवों के लिए काफी मुफीद जगह है यही वजह है कि यहां बड़ी मात्रा में अलग-अलग प्रजाति के सांप पाए जाते हैं खासकर दुनिया के जहरीले सांप की प्रजातियों के ज्यादातर साहब यहां बड़ी मात्रा में मिलते हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अक्सर आबादी में आने वाले जहरीले सांपों को बड़ी मात्रा में रेस्क्यू किया जाता है ऐसे ही उधम सिंह नगर जिले के सितारगंज के एक सर्पमित्र हैं जिन्होंने अपने 25 साल के कैरियर में अब तक 40000 से ज्यादा जहरीले सांपों को रेस्क्यू किया है। 2021 साल के पहले दिन भी सर्पमित्र के नाम से मशहूर गुलजार खान ने एक रसैल वाईपर को रेस्क्यू किया।

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सर्पमित्र गुलजार खान द्वारा रेस्क्यू किए गए रसेल वाइपर सांप के बारे में दी गई जानकारी बड़ी ही दिलचस्प है उन्होंने बताया कि यह सांप दुनिया के टॉप 10 जहरीले प्रजातियों में से एक है इसके 4 दांत होते हैं और यह कुकर की सीटी की तरह आवाज करता है और अब तक वह इसी तरह के जहरीली प्रजातियों के हजारों सांप रेस्क्यू कर चुके हैं क्लिक करने के बाद वहीं सांपों को जंगल में सांपों के परिवेश वाले स्थानों को चिन्हित कर वहां छोड़ते हैं। सितारगंज और उसके आसपास के इलाकों में गुलजार खान सर्पमित्र के नाम से मशहूर है किसी के घर में या इलाकों में या फिर अन्य स्थानों पर बड़े से बड़े जहरीले सांप को चुटकियों में रेस्क्यू कर उन्हें जंगल में छोड़ते हैं। एक और जांबाज कंक्रीट के जंगल लगातार बढ़ रहे हैं ऐसे में वन्यजीव आबादी वाले इलाकों से लुप्त हो रहे हैं पर ऐसे लोग वन्यजीवों के संरक्षण के लिए बेहद अहम है जो उनके जीवन का और पारस्परिक तंत्र का महत्व समझते हैं।

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