पहाड़ में नौला एक ऐसा स्थान है जहाँ से गांववासियों को पीने का शुद्ध पेय जल उपलब्ध होता है। जिसे पहाड़ के वासिंदे मन्दिर के रूप में पूंजते भी है, देवभूमि उत्तराखण्ड में हर उस वस्तु को भगवान का दर्जा दिया गया है जिससे मानव जाति के जीवन मे अहम योगदान हो, पेयजल का प्राकृतिक स्रोत होने के साथ साथ अपने मिनरल्स युक्त शुद्ध जल के लिए नौले की अपनी अलग मान्यता है। नौला को हम साधारण शब्दो में पानी के मन्दिर या जल मन्दिर के नाम से भी जानते है। सामान्यतः पानी के नौले की बनावट मन्दिर की तरह होती है। पहाड़ो में पीने योग्य जल नौला एवं धारे के पानी को ही माना जाता है। हिमालयी ग्रामीण इलाकों में पीने योग्य जल की व्यवस्था खुद ग्रामीणों द्वारा सदियों से की जाती रही है।

नौला और धारो द्वारा पेयजल व्यवस्था मुख्य रूप से कुमाऊँ में की जाती है जिसे ब्रिटिश हुकूमत ने भी कभी परिवर्तित नही किया। यह पेयजल व्यवस्था तकनीकी रूप के साथ साथ अपनी संस्कृति में भी शामिल है। अपनी पहाड़ की परम्पराओ में नौला का विशेष योगदान है। नई दुल्हन शादी के बाद घर का काम तब शुरू करती जब उसके द्वारा नौला पूजन कर लिया गया हो साथ ही स्वच्छ जल की गगरी घर लाती है यह परम्परा आज भी है। नौला में बने सीढ़ीदार जल स्रोत की कलाकृतियां शांत जल के स्वभाव को प्रमाणित करती है, शायद इस जल को पीने वाला हर पहाड़ी अपने स्वभाव के लिए देश दुनिया में जाना जाता है। इस सदियों पुरानी पेयजल व्यवस्था को आज भी उत्तराखण्ड में संरक्षित करने की आवश्यकता है। पलायन कर रहे सैकड़ो गाँव कस्बों को अब जरूरत है पहाड़ के जंगलों का भी संरक्षण किया जाय ताकि प्राकृतिक जल स्रोतों पर मंडराने वाले संकट से मुक्ति मिल सके। Heritage of Pahad : Naula – Dhara

हेरिटेज ऑफ पहाड़ यानी पहाड़ की विरासत नौले धारे को समझना है तो आपको यूट्यूब के वाटर मीटर चैनल मैं लगाई गई डॉक्यूमेंट्री हेरिटेज ऑफ पहाड़ का अवलोकन जरूर करना चाहिए इस डॉक्यूमेंट्री का डॉक्युमेशन डॉ मुकेश बोरा द्वारा किया गया है.. इस डॉक्यूमेंट्री को देखकर आप जहां भी हो आपको अपने पहाड़ की याद जरूर आएगी..

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1 thought on “पानी का मन्दिर है पहाड़ का नौला, अपनी शुद्धता से देता है अपना प्रमाण…”
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Nice Rawat ji…