उत्तरकाशी: उत्तराखंड में इस बार मानसून ने जमकर कहर बरपाया है। खासकर उत्तरकाशी जिला प्राकृतिक आपदा से सबसे ज़्यादा प्रभावित रहा। भारी बारिश और भूस्खलन के चलते यमुनोत्री और गंगोत्री धाम की यात्रा भी कई दिनों तक बाधित रही। अब हालात धीरे-धीरे सुधर रहे हैं और प्रशासन यात्रा को फिर से सुचारू करने की कोशिशों में जुटा है।
जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया कि गंगोत्री धाम की यात्रा 9 सितंबर से दोबारा शुरू कर दी गई है, हालांकि अभी भी यात्रियों को सीमित संख्या में भेजा जा रहा है क्योंकि कई जगहों पर रास्ते अब भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं।
यमुनोत्री यात्रा 13 सितंबर से हो सकती है शुरू
यमुनोत्री नेशनल हाईवे अभी भी कई जगहों पर भारी क्षतिग्रस्त है, खासकर जंगलचट्टी, बनास और फूलचट्टी के पास। जंगलचट्टी में 150 मीटर, बनास में 40 मीटर और फूलचट्टी में कई हिस्सों में सड़कें पूरी तरह टूट चुकी हैं। एनएच विभाग 12 सितंबर तक सड़क को पूरी तरह दुरुस्त करने का प्रयास कर रहा है। अगर मौसम ने साथ दिया तो 13 सितंबर से यात्रा शुरू करने का निर्णय लिया जा सकता है।
जिलाधिकारी ने बताया कि आपदा के बाद से ही धराली क्षेत्र में राहत और बचाव कार्य जारी हैं। यहां हेली सेवा के ज़रिए खाद्यान्न और आवश्यक वस्तुएं पहुंचाई जा रही हैं।
संवेदनशील रास्तों पर सख्त निगरानी
गंगोत्री हाईवे पर धरासू, नालूपानी, हेलगुगाड़ और डबरानी जैसे स्थानों पर अभी भी भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। इसलिए प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज से मशीनरी और टीमें तैनात की हैं। डीएम प्रशांत आर्य ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि यात्रा पर निकलने से पहले जिला प्रशासन द्वारा जारी SOP (मानक परिचालन प्रक्रिया) का पालन करें।
श्रद्धालुओं की संख्या में भारी उत्साह
अब तक चारधाम यात्रा में भारी श्रद्धालु सहभागिता देखने को मिली है।
यमुनोत्री धाम में अब तक 5,85,237 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।
गंगोत्री धाम में यह संख्या 6,68,365 तक पहुंच चुकी है।
(आंकड़े: 5 अगस्त 2025 तक के)

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