नैनीताल – उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने क्वारंटाइन सेंटरों की बदहाल व्यवस्था को लेकर दायर अलग अगल जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए मामलों की अगली सुनवाई अगले बुद्धवार को जारी रखी है। आज मामले में सुनवाई के बाद जिला निगरानी कमेटियों ने न्यायालय को बताया गया कि राज्य सरकार पूर्व के आदेशो और कमेटियों द्वारा सुझाये गए बिंदुओं का पालन नही कर रही है । कहा कि लोग न तो मास्क पहन रहे है, न ही सोसियल डिस्टेंडिंग का पालन कर रहे है और न ही राज्य सरकार ने पहाड़ों के मोबाइल टेस्टिंग की व्यवस्था की है। जिसपर न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिए है कि नैनीताल, उधम सिंह नगर, हरिद्वार और देहरादून में निगरानी कमेटियों द्वारा सुझाए गए सुझाओ पर अमल करें और इसकी रिपोर्ट अगले बुधवार तक न्यायालय में पेश करें।
मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश रवि कुमार मलिमथ और न्यायमूर्ति रविन्द्र कुमार मैठाणी की खण्डपीठ में हुई। मामले के अनुसार अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली, देहरादून निवासी सच्चिदानंद डबराल ने क्वारन्टीन सेंटरों व कोविड अस्पतालों की बदहाली और उत्तराखंड वापस लौट रहे प्रवासियों की मदद और उनके लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने को लेकर उच्च न्यायालय में अलग अलग जनहित याचिकायें दायर की थी। पूर्व में बदहाल क्वारंटाइन सेंटरों के मामले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर माना था कि उत्तराखंड के सभी क्वारंटाइन सेंटर बदहाल स्थिति में हैं और सरकार की ओर से वहां पर प्रवासियों के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई है। इसका संज्ञान लेकर न्यायालय ने अस्पतालों की नियमित मॉनिटरिंग के लिये जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में जिलेवार निगरानी कमेटीया गठित करने के आदेश दिए थे और कमेटियों से शुझाव माँगे थे।
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