नैनीताल- उत्तराखंड के नैनीताल में चल रहे नन्दा देवी महोत्सव की पंच आरती देखने लायक होती है, लेकिन कोरोना काल के कारण खचाखच भरे रहने वाला मंदिर वीरान रह गया । भक्तों ने घर मे बैठकर लाइव माध्यमों से ही संध्या आरती का आनंद लिया । पांचों पहरों की एक सबसे महत्वपूर्ण संध्या आरती को देखने के लिए हिन्दू ही नहीं बल्कि दूसरे धर्मों के अनुयायी भी हमेशा तत्पर रहते हैं । ऐसे में पुराणों में स्थान रखने वाले नैनीताल के नयना देवी मंदिर परिसर से गूंजने वाली आरती की आवाज का अपना अलग ही महत्व है ।
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मल्लीताल में नैनीझील के ठीक किनारे बने नयना देवी मंदिर में सैकड़ों वर्षों से हर नन्दा देवी महोत्सव के दौरान संध्या के समय पंच आरती की गूंज सुनाई देती थी । इस आरती को देखने के लिए विश्वभर से हजारों लोग मंदिर परिसर में मौजूद रहते थे । लेकिन इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कठोर नियमों के कारण मन्दिर में चुनिंदा लोगों को ही प्रवेश की अनुमति दी गई । यहां तक मंदिर में मीडिया भी प्रवेश नहीं कर सका ।
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आयोजक समिति की तरफ से रखे गए मुख्य पुजारी ने बताया कि संध्या आरती को पानी और धूप के बाद विषम संख्या में धूप और बत्तियों से माँ की आरती की जाती है । इसके बाद पुष्प और गंगाजल से आरती की जाती है । माँ के चरणों से शुरू होने वाली संध्या आरती पांच चरणों में अंत में वस्त्र यानी कपड़ा चढ़ाकर पूर्ण की जाती है । माँ को प्रसन्न करने के लिए आरती को सिर से चरणों तक लाया जाता है । इसके बाद भक्तों को प्रशाद वितरित किया जाता है । इस वर्ष कोरोना महामारी की वजह से भक्तों की अनुपस्थिति के चलते ये केवल एक आयोजन बनकर रह गया है ।
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