नैनीताल: लगातार दरक रही नैनीताल की मालरोड को लेकर प्रशासन आखिरकार हरकत में आया है। घटना के पांच दिन बाद शनिवार को कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने खुद मौके पर पहुंचकर मालरोड का निरीक्षण किया और स्थिति की गंभीरता को स्वीकार किया।
निरीक्षण के दौरान कमिश्नर ने बताया कि पहले केवल 25 मीटर क्षेत्र को संवेदनशील माना जा रहा था…लेकिन ताजा सर्वे और निरीक्षण में सामने आया है कि कुल 190 मीटर हिस्से में भू-धंसाव और दरारें चिन्हित की गई हैं। इसको लेकर उन्होंने तत्काल डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार करने के निर्देश लोक निर्माण विभाग (PWD) और सिंचाई विभाग को दिए हैं।
कमिश्नर ने कहा कि इस पूरे क्षेत्र में भविष्य में किसी बड़ी आपदा से बचने के लिए लोअर मालरोड का निर्माण कार्य जल्द शुरू किया जाएगा। इसके तहत पिलर तकनीक से सड़क को फिर से तैयार किया जाएगा ताकि स्थायित्व बढ़ाया जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि इस संबंध में THDC के अधिकारियों से बातचीत हो चुकी है और तकनीकी सहायता भी ली जा रही है।
गौरतलब है कि 14 सितंबर को मालरोड में धंसाव शुरू हुआ था…जिसके बाद सड़क पर बड़ी दरारें आ गई थीं। यह वही स्थान है जहां 2018 में भी लगभग 25 मीटर सड़क का हिस्सा नैनी झील में समा गया था…लेकिन तब से अब तक कोई स्थायी ट्रीटमेंट वर्क शुरू नहीं हो सका।
निरीक्षण के दौरान सभी संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे और कमिश्नर ने सभी को निर्देशित किया कि बरसात को देखते हुए कार्य में किसी भी तरह की देरी न हो…ताकि आम जन और पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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