हल्द्वानी- उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में प्रबन्ध अध्ययन एवं वाणिज्य विद्याशाखा के द्वारा आयोजित ऑनलाइन सेमिनार में बोलते हुए मुख्य वक्ता प्रोफेसर नागेश्वर राव ने कहा कि यह बेबिनार बडे ही महत्वपूर्ण विषय पर हो रहा है क्योंकि प्रधानमंत्री जी की आत्मनिर्भर भारत विषयक सोच को मूर्त रूप प्रदान करने के लिए इस प्रकार के विचार-विमर्श की बडी आवश्यकता है जिससे कि अकादमिक जगत से आवश्यक सुझाव भारत सरकार को भेजे जा सकें।
विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रोफेसर ओ0पी0एस0 नेगी जी ने बहुत व्यापक रूप से संस्कृत वांगमय से उद्धरण देते हुए स्थानीय के महत्व को रेखांकित किया। उन्होने विश्वास व्यक्त किया कि यह आयोजन एक महत्वपूर्ण अकादमिक गतिविधि सिद्ध होगी। इस चर्चा से जो निष्कर्ष निकलेंगे उन्हें नीति निर्देशक सिद्धान्तों के रूप में तैयार कर प्रस्तुत किया जा सकेगा।
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इससे पूर्व विद्याशाखा के निदेशक प्रोफेसर आर0सी0 मिश्र ने वैश्विक मूल्य अभिवृद्धि श्रृंखलाओं में भारत की भागीदारी के क्षेत्रों की ओर संकेत किया और उन्होंने बताया कि वे कौन से सुधार हैं जिन्हें करके भारत इन वैश्विक श्रृंखलाओं में भागीदारी कर सकता है और स्थानीय फर्मों को वैश्विक स्तर पर महत्व मिल सकेगा।
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कार्यक्रम का संचालन डॉ0 गगन सिंह के द्वारा किया गया। इस सेमिनार में डॉ0 मंजरी अग्रवाल, डॉ0 सुमित प्रसाद तथा डॉ0 भानु प्रकाश जोशी के साथ विश्वविद्यालय की विभिन्न विद्याशाखाओं के निदेशक और शिक्षक सम्मिलित थे।
यह सेमिनार कल भी जारी रहेगा।
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