चर्चित लेखक व वरिष्ठ PCS अधिकारी ललित मोहन रयाल की नई पुस्तक जल्द पाठकों के बीच

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Haldwani News- लोक सेवा के साथ लेखन में महारत हासिल कर चुके उत्तराखंड के वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी ललित मोहन रयाल की चौथी पुस्तक “चाकरी चतुरंग” जल्द पाठकों के बीच आने वाली है। इस पुस्तक में नौकरी के दौरान के किस्से और अनुभव, चुटकीले और अनोखे अंदाज में पाठकों के बीच पढ़ने को मिलेंगे।

हिंदी साहित्य को आगे बढ़ाने का सहयोग देने वाले वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी व लेखक ललित मोहन रयाल की पहली पुस्तक “खड़क माफी की स्मृतियों से” काफी चर्चा में रही। गांव के बचपन से लेकर संघर्ष की कहानियों को जिस अंदाज में पेश किया गया, उसने लेखन के क्षेत्र में ललित मोहन रयाल की छबि को पाठकों के बीच में विशेष जगह दी।

जिसके बाद 90 के दशक में प्रयागराज में अपने प्रशासनिक सेवाओं में भाग्य आजमाने के लिए संघर्ष के दौर से गुजरे क्षणों को “अथ श्री प्रयाग कथा” पुस्तक के जरिए बड़े ही अनोखे अंदाज में पाठकों के बीच प्रस्तुत कर चुके वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी ललित मोहन रयाल की यह पुस्तक भी देश के कोने कोने में चर्चा का विषय रही। खासकर सिविल सर्विसेज की तैयारी करने वाले छात्रों के बीच इस किताब मे दिल में जगह बनाई।

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और इसी वर्ष फरवरी माह में लेखक ललित मोहन रयाल की तीसरी पुस्तक “कारी तू कभी ना हारी” एक पिता की शीर्षक की भूमिका के संघर्ष के अध्याय को अपने अंदर लपेटे हुई काफी चर्चित हुई। साहित्यकारों और लेखको ने ललित मोहन रयाल की इस पुस्तक को काफी सराहा। अपनी पुस्तकों से रॉयल्टी प्राप्त करने वाले गिने-चुने लेखकों में एक ललित मोहन रयाल की अगली पुस्तक बेहद ही रोचक अंदाज में लिखी गई है। लेखक ललित मोहन रयाल ने अपने प्रशासनिक सेवा के दौरान विभिन्न स्थानों पर तैनाती के दौरान होने वाले अतरंगी अनुभव को इस पुस्तक के माध्यम से अपनी विशेष लेखन शैली से संवारा है। लेखक ललित मोहन रयाल ने बताया कि जल्द यह पुस्तक पाठकों के बीच होगी।

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