देहरादून। सरकारी कर्मचारियों को 300 उपार्जित अवकाश के अलावा अब साल में दो बार कुल 31 दिन का उपार्जित अवकाश मिलेगा। सचिवालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को 85 प्रतिशत सचिवालय विशेष भत्ता मिलेगा।
सचिवालय के वाहन चालकों को भी इस भत्ते के लाभ में शामिल किया गया है। वहीं, महिलाकर्मियों से बाल्य देखभाल अवकाश के दौरान वेतन से 20 प्रतिशत कटौती भी नहीं होगी। उत्तराखंड सचिवालय संघ के प्रतिनिधियों ने सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंट कर कार्मिकों की मांगों के संबंध में जानकारी दी। जिस पर मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों संबंधी पत्रावलियों पर सहमति प्रदान कर दी।
मुख्यमंत्री ने सचिवालय में कार्यरत राज्य संपत्ति विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को सचिवालय विशेष भत्ते को ग्रेड वेतन का 50 प्रतिशत को पुनरीक्षित करते हुए 85 प्रतिशत करने पर स्वीकृति दे दी। इसके अलावा, राज्य सरकार के कार्मिक 300 दिन का उपार्जित अवकाश अर्जित करने के बाद भी अनुवर्ती वर्ष में एक जनवरी को 16 दिन व एक जुलाई को 15 दिन के उपार्जित अवकाश (कुल 31 दिन) का संबंधित वर्ष में 31 दिसंबर तक उपभोग करने को स्वीकृति दे दी है। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की
महिला सरकारी सेवकों को, एकल अभिभावक (महिला/पुरुष) सरकारी सेवकों को बाल्यदेखभाल अवकाश की अवधि के दौरान अवकाश पर प्रस्थान करने से पूर्व प्राप्त हो रहे वेतन के समतुल्य अवकाश वेतन देय होने की भी सहमति प्रदान की है। पहले सरकार ने इसमें 20 प्रतिशत कटौती का आदेश जारी कर दिया था, जिस पर सचिवालय संघ लगातार बदलाव की मांग कर रहा था। सीएम ने सचिवालय वाहन चालकों को भी सचिवालय विशेष भत्ता देने पर मुहर लगा दी है। सचिवालय संघ ने इस पर खुशी जताई है। संघ अध्यक्ष सुनील लखेड़ा, महासचिव राकेश जोशी, उपाध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली, संयुक्त सचिव रणजीत सिंह रावत समेत सभी पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री का आभार जताया।
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