देहरादून: एक बार फिर एक बेटी ने अपने परिवार का नाम रौशन कर अपने सपनों को उड़ान दी है। पढ़ाई लिखाई में हमेशा से अव्वल रहे उत्तराखंड के बच्चे बड़े मुकाम हासिल करने का कोई ना कोई रास्ता खोज ही लेते हैं। इस बार ऋषिकेश की धृति मौर्या ने बड़ी सफलता पाई है। धृति का चयन जापान के प्रतिष्ठित नागोया विश्वविद्यालय में हो गया है।
ऋषिकेश के हीरालाल मार्ग निवासी देवव्रत मौर्या की पुत्री धृति का चयन विवि में पोस्ट डॉक्टोरल के लिये विशिष्ट शोध वैज्ञानिक के रूप में हुआ है। धृति के पिता देवव्रत मौर्या प्राध्यापक हैं। साल 2011 में राजकीय ऑटोनोमस कालेज ऋषिकेश में गणित से बीएससी उत्तीर्ण करने के उपरांत साल 2016 में धृति ने भौतिकी में एमएससी की और साथ ही साल 2017 में गेट की परीक्षा भी पास कर डाली।
धृति ने इसके बाद आईआईटी गुवाहाटी से प्लाज्मोनिक मेटा मैटेरियल विषय में शोध उपाधि भी प्राप्त की है। इस दौरान धृति ने टेराहार्ट्ज मेटामटेरियल के विभिन्न योगों की खोज की। बता दें कि इसका उपयोग चिकित्सा, संचार माध्यमों तथा रक्षा के क्षेत्र में किया जाता है। इसी शोध के आधार पर जापान के नगोया विश्वविद्यालय में पोस्ट डॉक्टोरल के लिये वैज्ञानिक के रूप में धृति का चयन हुआ है। धृति का कहना है कि वह देश के लिए कुछ करना चाहती है।
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