बागेश्वर- आज के दौर में जहां शादी विवाह में लाखों रुपए की फिजूलखर्ची और तरह-तरह के दिखावे के साथ बढ़ते दहेज के प्रचलन की होड़ मची है तो वहीं उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में एक ऐसी अनोखी शादी हुई जिसने समाज के सामने मिसाल पेश की है। कबीरपंथी विधि से कपकोट में दहेज रहित इस विवाह में 17 मिनट का समय लगा और भगवत मुक्ति कबीर परमेश्वर ट्रस्ट ने यह शादी संपन्न कराई।
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दरअसल अल्मोड़ा के सल्ट निवासी महेंद्र सुंद्रियाल के पुत्र पंकज और जारती गांव के हीरा सिंह की पुत्री निर्मला का विवाह बेहद ही सादगी के साथ संपन्न हुआ शादी में न तो बारात निकली न हीं ढोल बजे और ना डीजे की आवाज और न बारातियों का हुड़दंग शामिल हुआ। महज 17 मिनट में पंकज और निर्मला ने एक दूसरे को जीवनसाथी चुन लिया यह दोनों परिवार कबीरपंथी संत रामपाल जी महाराज के अनुयाई हैं लिहाजा दोनों परिवारों ने कबीरपंथी विधि से विवाह करने का निर्णय लिया था।
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रविवार को सल्ट से दूल्हा पक्ष 15 लोगों की सादगी से जारती गांव पहुंचे और संत राम गोपाल जी महाराज की मूर्ति के समक्ष विवाह की रस्म के दौरान गुरुवाणी का पाठ किया गया और पंकज और निर्मला ने परमेश्वर कबीर साहेब और गुरु प्रतिमा को साक्षी मानकर विवाह के पवित्र बंधन में बंध गए और समाज में एक नजीर पेश करने वाले इस विवाह में ₹1 का भी लेनदेन नहीं हुआ। दूल्हा पंकज भारतीय स्टेट बैंक की सल्ट शाखा में कार्यरत है और दुल्हन निर्मला बागेश्वर में कार्यरत है। वहां मौजूद लोगों ने इस विवाह को समाज के लिए आदर्श बताते हुए कहा कि आज के इस दौर में आडंबर से सबको बचना चाहिए।

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2 thoughts on “बागेश्वर- पहाड़ की अनोखी शादी, न बैंड न बराती, 17 मिनट में हो गई शादी”
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Ye bhi kya karne ki jarurat thi Rahne dete..
Bina agni aur devo ke aahvaan ko jab adamber bataya ja aha hai to isko kya naam doge.
Pakhand ya Dhong…
Shadi ka kharcha to court marriage se bhi bach jata hai.. uski misal ke liye kuch ni bologe lekhak sahab..
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