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बागेश्वर- DM विनीत कुमार ने महिलाओं के विकास और सुरक्षा के लिए उठाया यह महत्वपूर्ण कदम

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बागेश्वर- जिलाधिकारी विनीत कुमार ने महिलाओं एवं बालिकाओं के व्यक्तित्व के विकास एवं उनके अधिकारों को प्रभावी रूप से संरक्षित किये जाने के दृष्टिगत पुराने सीएमओ कार्यालय में संचालित कियें जा रहे वन सटॉप सेंटर के और अधिक प्रभावी एवं गुणवत्तापरक रूप में संचालित कियें जाने हेतु महिला एवं बाल विकास विभाग बागेश्वर को ग्राम गाडगांव में चिन्हित 126.50 वर्ग मीटर भूमि को वन स्टॉप सेंटर की स्थापना के लिए भूमि हस्तान्तरित की स्वीकृति प्रदान की है।

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उल्लेखनीय हैं कि विगत दिनों जिलाधिकारी द्वारा वन स्टॉप सेंटर जैसी महत्वपूर्ण योजना की समीक्षा के दौरान जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा जिलाधिकारी के समक्ष जनपद बागेश्वर में सचालित कियें जा रहें वन स्टॉप सेंटर के स्थायी भवन निर्माण हेतु भूमि आंवटन की मांग की गयी थी। उन्होने वन स्टॉप सेंटर के अपने भवन न होने के कारण योजना की क्रियान्वयन में आ रही विभिन्न समस्यओं के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी थी, जिस पर जिलाधिकारी ने प्राथमिकता के आधार पर संज्ञान लेते हुए महिलाओं एवं बालिकाओं के हितों की रक्षा को सुरक्षित करने एवं उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोडने हेतु तथा त्वरित न्याय की संकल्पना को धरातली रूप देने के दृष्टिगत महिला एवं बाल विकास विभाग बागेश्वर को भूमि हस्तान्तरित की स्वीकृति प्रदान की है।

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उल्लेखनीय हैं कि वन स्टॉप सेंटर का मुख्य उद्देश्य किसी प्रकार की हिंसा आदि से पीडित महिला एवं बालिकाओं को एक ही स्थान पर चिकित्सकीय सहायता, कानूनी सहायता एवं परामर्श, आपात कालीन प्रतिक्रिया एवं बचाव सेवायें, सामाजिक सहयोग एवं परामर्श, प्राथमिकी दर्ज्ा कराने में सहायता एवं काउन्सिंग आदि की सुविधायें उपलब्ध कराना हैं। इसके माध्यम से एक ही छत के नीचे पीडित महिलाओं एवं बालिकाओं को तत्काल रूप से आपातकालीन एवं गैरआपातकालीन सुविधा उपलब्ध कराते हुए उन्हें मनोवैज्ञानिक परामर्श भी दिया जाता है। इसके अतिरिक्त हिंसा या अन्य प्रकार का उत्पीडन झेल रही महिलाओं व बालिकाओं को वन स्टॉप सेंटर (सखी) से सहयोग प्रदान करते हुए उन्हें इन्साफ दिलाना भी सुनिश्चित किया जाता है।

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जिलाधिकारी द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग बागेश्वर को नि:शुल्क हस्तान्तरित की गयी भूमि के संबंध में यह भी निर्देश दियें गयें कि आवंटित भूमि का उपयोग शासन द्वारा अनुमोदित एवं स्वीकृति परियोजना के लिए विहित समयावधि के अंतर्गत ही किया जाय, साथ ही यह भी निर्देश दियें कि यदि विभाग द्वारा हस्तान्तरित भूमि तीन वर्षो तक प्रस्तावित कार्य के लिए उपयोग में नहीं लायी जाती हैं तो वह मूल विभाग में स्वत: ही निहित हो जायेगी।

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