उत्तराखंड सरकार अपने 3 साल के कार्यकाल में किये गए अपने विकास की गाथा बताने के लिए 18 मार्च को पूरे प्रदेश के 70 विधानसभाओं में ‘बातें कम काम ज्यादा’ कार्यक्रम आयोजित कर रही है इस कार्यक्रम के क्या मायने हैं इसका जवाब प्रदेश की जनता के पास है। लेकिन जब बात विकास की आती है तो ऐसे मुद्दे सामने आ ही जाते हैं, दरअसल उत्तराखंड का नैनीताल जिला जिसमें पहाड़ के दूरस्थ क्षेत्र के तीन विकासखंड के 120 गांव संपर्क मार्ग ध्वस्त हो जाने की वजह से बेहद परेशान हैं लेकिन सिस्टम की सुस्ती ने हजारों ग्रामीणों की मुसीबत बढ़ा दी है। Haidakhan raod
नैनीताल जिले के भीमताल विधानसभा के तीन ब्लॉक धारी, ओखलकांडा और भीमताल ब्लॉक को जोड़ने वाला एकमात्र काठगोदाम – हैडाखान मार्ग हाल ही में हल्की सी बरसात के बाद भूस्खलन की वजह से ध्वस्त हो गया है। इन तीनों ब्लॉकों की 120 ग्राम सभा के हजारों लोग हल्द्वानी हैडाखान मार्ग बंद होने से दैनिक रोजमर्रा के सामान्य जरूरतों के लिए भी परेशान होने लगे हैं। सड़क इतनी बुरी तरह से ध्वस्त हुई है की बाईक भी बड़ी मुश्किल से आर पार हो पा रही है लेकिन बड़े वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद होने की वजह से इन गांव में संकट है लिहाजा लोग बेहद परेशान हैं। Haidakhan road
दरअसल काठगोदाम, हैड़ाखान खन्स्यु, पतलोट को जोड़ने वाला ये मार्ग पिछले 15 दिनो से बंद
हैड़ाखान के समीप पिछले महीने 24 फरवरी को सड़क भूस्खलन से अचानक टूट गयी, जिससे सीधे 120 गांव का संपर्क 35 किलोमीटर लम्बा हो गया है, पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण लोगो को 3 घण्टे ज्यादा का सफर करना पड़ रहा है, ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन ने अभी तक कोई सुध नही ली है, जिसके चलते लोगो को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. समय के साथ साथ लोगो को किराया भी भारी पड़ रहा है हैड़ाखान, खन्स्यु, पतलोट, गोनयोरो, देवली, कालागर सहित रीठा साहिब तक लोग प्रभावित हो रहे है. Haidakhan road
वही जिलाधिकारी सविंन बंसल का कहना है की सड़क इस तरह से ध्वस्त हुई है की उसमें अस्थाई व्यवस्था भी नहीं हो सकती, लिहाजा प्रशासन इसके स्थाई समाधान करने का प्रयास कर रहा है।
वहीं विश्व प्रसिद्ध हैडाखान धाम में दर्शन करने जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी हल्द्वानी काठगोदाम हैडाखान मार्ग बंद हो जाने से परेशानियां बढ़ रही हैं अब लोगों को हैड़ाखान पहुंचने के लिए भीमताल, चॉफी, धारी, धानाचूली, ओखलकांडा होते हुवे खन्स्यु, पतलोट और हैड़ाखान पहुच रहे है , जिसमें 3 घंटे का अतिरिक्त समय और अतिरिक्त किराए के साथ-साथ 35 से 40 किलोमीटर लंबा सफर तय करना पड़ रहा है. Haidakhan temple
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