अगर आप फूलों के शौकीन हैं तो खबर आपके लिए है, रंग-बिरंगे तमाम तरह के फूल और खासकर विदेशी प्रजाति के फूलों से हल्द्वानी का वन अनुसंधान केंद्र अलग ही छटा बिखेर रहा है, इन फूलों पर शोध कर्ता शोध तो करेंगें ही साथ मे उत्तराखंड के अंदर इन प्रजातियों को सरंक्षित करने का प्रयास भी किया जा रहा है. flowers of Holland
ट्यूलिप, लिली, आइरिस, नर्गिस, ओरियंटलिस, गलायोडिस फूलों की ऐसी प्रजातियां हैं जो मुख्यतः हॉलैंड में होती हैं, रिसर्च के तौर पर हल्द्वानी वन अनुसंधान केंद्र ने इनको उगाने के प्रयास किया तो एक बड़ी सफ़लता हाथ लगीं, औऱ हॉलैंड में होने वाली 4 प्रजाति के फूलों ने 4 से 5 रंगों में अलग ही छटा बिखेर दी है, हालांकि ट्यूलिप का समय अब पूरा हो चुका है लेकिन लिली, आइरिस, नर्गिस, ओरियंटलिस, गलायोडिस फूलों के प्रजातियाँ पिंक, पीले, सफेद औऱ लाल रंगों में लोगों को अपनी ओऱ आकर्षित कर रहे हैं। flowers of Holland
इन फूलों पर काम कर रहे अधिकारियों के मुताबिक विदेशी प्रजाति के ये फूल हलद्वानी के मौसम को अनुकूल मांन रहे हैं, जिससे फूल अच्छे रंगों में बड़े पैमाने पर खिल रहे हैं, ये फूल अभी 15 से 20 दिन औऱ अपनी छटा बिखेरेंगे, लिहाज़ा मक़सद यह भी है की लोगों की इन फूलों की अच्छी और रोचक जानकारी मिले, flowers of Holland
फिलहाल इस साल हलद्वानी में ट्यूलिप के अलावा आइरिस, नर्गिस,पर किया प्रयोग सफल रहा है, उम्मीद है की अगले साल से इन फूलों को बड़े पैमाने पर हलद्वानी में में उगाया जाएगा जो उत्तराखण्ड में पर्यटन के लिहाज़ा से एक नया इतिहास होगा. flowers of Holland
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