कहते हैं जब उम्मीदें टूट जाती हैं तब बड़ा बुरा लगता है ऐसा ही कुछ प्रवासी उत्तराखंड वासियों के साथ हुआ है सोमवार सुबह जैसे ही लोगों ने अखबार पढ़ा तो कोसना शुरू कर दिया दरअसल लॉकडाउन के चलते देशभर में फंसे लोगों की उत्तराखंड में वापसी के लिए राज्य सरकार ने एक वेबसाइट शुरू की थी। जिसमें उन्होंने बाहरी राज्यों में फंसे प्रवासियों से आवेदन कर पंजीकरण करने को कहा। जिसके बाद लगातार करीब 1.50 लाख से ऊपर लोगों ने वेबसाइट में अपना पंजीकरण कराया। पूरे देशभर से लोग उत्तराखंड में अपनी वापसी चाहते है। ऐसे में आज इन लोगों को तगड़ा झटका लगा है। तीन दिनों से घर जाने की खुशी आज उनके चेहरे की हवाई उड़ा दी। आज कई लोगों ने अखबारों की कटिंग डालकर राज्य सरकार के खिलाफ विरोध जताना शुरू कर दिया है। ऐसे में प्रवासियों को भारी निराशा हुई है।
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इस मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का बयान आया है कि केन्द्र सरकार द्वारा अब नई गाइडलाइन जारी की है। जिसमें यह कहा गया है कि जो लोग रास्तों या राहत कैंपों में फंसे है केवल ऐसे लोगों को ही राज्य में वापस लाया जाय। जिसके बाद उन्हें क्वारंटीन पर रखा जायेगा। घरों या रह रहे लोगों को अभी नहीं लाया जायेगा। जिसके बाद उत्तराखंड वापसी की आस लगाये हजारों प्रवासियों को बड़ा झटका लगा है। बता दें कि दिल्ली से सबसे ज्यादा करीब 39 हजार से ज्यादा लोगों ने आवेदन किया है। वही यूपी से 22 हजार, हरियाणा से 19 हजार, महाराष्ट्र से 16 हजार लोगों ने आवेदन किया है। पूरे देश भर से जम्म से लेकर कन्याकुमारी तक उत्तराखंड के लोगों ने घर वापसी के लिए पंजीकरण कराया है। ऐसे में इन युवाओं के हाथ निराशा लगी है।
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इतनी लंबी लाइन. आगे बढ़ा तब जाकर समझ आया, ओह्हो! ये तो इकोनॉमी वॉरियर्स हैं.(व्यंग)..
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