क्या कभी आपने साइकिल से अवैध खनन होते देखा है यह सवाल अटपटा जरूर है क्योंकि खनन का खेल बड़े बड़े माफिया खेलते हैं और आज तक ट्रक, ट्राले और डंफरो से अवैध खनन का खेल खेला जाता रहा है। लेकिन इसे वन विभाग के अधिकारियों की कार्य क्षमता और ड्यूटी में लगे कर्मचारियों की इच्छा शक्ति ही कहेंगे कि बड़े-बड़े खनन माफिया इस इलाके से गायब हैं कभी ट्रकों से होने वाला अवैध खनन आज मोटरसाइकिल, स्कूटर और साइकिल पर सीमित हो गया है और उस पर भी वन विभाग सख्त कार्रवाई कर रहा है ।
नैनीताल- रानीबाग में प्रस्तावित विद्युत शवदाह गृह के मामले में हाईकोर्ट में हुई ये सुनवाई
और यह हालात किसी और क्षेत्र के नहीं बल्कि कुमाऊ में खनन से सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाली गौला नदी का है। किसी दौर में यहां खनन माफियाओं का बोलबाला होता था आज गौला नदी से खनन माफिया गायब हैं इसके पीछे रणनीतिकार कोई और नहीं आई एफ एस अधिकारी नीतीश मणि त्रिपाठी है जिन्होंने तराई पूर्वी वन प्रभाग के प्रभागीय वन अधिकारी का चार्ज लेने के बाद गौला नदी से अवैध खनन को लगभग समाप्त कर दिया है।
हालात ऐसे हैं कि अब लालकुआं, बिन्दुखत्ता और शांतिपुरी जो कि अवैध खनन के गढ़ हुआ करते थे आज इन इलाकों में साइकिल से अवैध खनन हो रहा है उसे भी वन विभाग द्वारा सख्ती से रोका गया है। पिछले सितंबर अक्टूबर में वन विभाग के गश्ती दल ने 11 साइकिल, चार स्कूटर, एक स्कूटी और दो मोटरसाइकिल को अवैध खनन में जप्त किया है।
उत्तराखंड- (दुःखद हादसा) यहां पर्यटको की कार गिरी खाई में, दो की मौत तीन गंभीर घायल
विशेष तकनीकी रूप से गौला नदी में खनन सत्र शुरू किए जाने के बाद हमेशा से अवैध खनन वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए चुनौती रहा है लेकिन डीएफओ नितीश मणि त्रिपाठी के निर्देशन में कार्य कर रही वन विभाग की टीम ने अवैध खनन पर पूर्ण रूप से विराम लगाने में सफलता पाई है।
हल्द्वानी-त्यौहारों को लेकर DM सविन बंसल की जनता से अपील, कोरोना वायरस से ऐसे होगा बचाव
अपने मोबाइल पर ताज़ा अपडेट पाने के लिए -
👉 व्हाट्सएप ग्रुप को ज्वाइन करें
👉 यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें
हमारे इस नंबर 7017926515 को अपने व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ें