चंपावत: जिलाधिकारी मनीष कुमार इन दिनों सीमांत जनपद चंपावत में अपनी सक्रिय कार्यशैली को लेकर सुर्खियों में हैं। कभी वे दूरस्थ गांवों तक पैदल पहुंचकर लोगों की समस्याएं सुनते हैं…तो कभी शिकायतों का समाधान न करने वाले अधिकारियों को बैठक से बाहर का रास्ता दिखाते हुए भी देखे गए हैं।
अब उन्होंने बीती रात अचानक जिला अस्पताल और टनकपुर-चंपावत राष्ट्रीय राजमार्ग के स्वाला डेंजर जोन का निरीक्षण कर विभागीय अधिकारियों को अलर्ट कर दिया है।
अस्पताल का औचक निरीक्षण
रात के समय जिला अस्पताल पहुंचे डीएम ने आपातकालीन कक्ष, जनरल वार्ड, महिला वार्ड, नर्सिंग स्टाफ रूम और परिसर की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने मरीजों और स्टाफ से सीधे बातचीत कर इलाज और सुविधाओं की जानकारी ली।
उन्होंने निर्देश दिए कि नाइट ड्यूटी में कोई भी डॉक्टर या स्टाफ अनुपस्थित न रहे। आपात स्थिति में तुरंत इलाज सुनिश्चित किया जाए। अस्पताल में स्वच्छता और अनुशासन बनाए रखा जाए। मरीजों के साथ आने वाले तीमारदारों के लिए रात में ठहरने की उचित व्यवस्था की जाए।
एंबुलेंस और सड़क मार्ग को लेकर निर्देश
निरीक्षण के दौरान अस्पताल में एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस की जरूरत पर चर्चा हुई, जिस पर डीएम ने आवश्यक कार्रवाई का भरोसा दिया। साथ ही अस्पताल तक आने वाले रास्ते की मरम्मत के निर्देश भी दिए…ताकि मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
स्वाला डेंजर ज़ोन का रात्रि निरीक्षण
डीएम ने इसके बाद टनकपुर-चंपावत हाईवे पर स्थित स्वाला डेंजर ज़ोन का निरीक्षण किया, जो लंबे समय से यात्रियों के लिए खतरे का कारण बना हुआ है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सड़क चौड़ीकरण का कार्य गुणवत्ता के साथ और समयबद्ध पूरा किया जाए। जल निकासी की व्यवस्था सुधारी जाए। यातायात को सुचारु रखने के लिए वैकल्पिक मार्ग की भी व्यवस्था हो।
लापरवाही पर सख्त रुख
निरीक्षण के दौरान डीएम मनीष कुमार ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को बख्शा नहीं जाएगा।
उनकी इस सक्रियता के बाद विभागीय अधिकारियों में हलचल मच गई है…और वे अब अपनी कार्यशैली में सुधार लाने की तैयारी में जुट गए हैं।



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