उत्तराखंड/कुमाऊँ/कुमाऊँनी/साहित्य ‘बखता त्यार बलाई ल्हयून’ सटीक बैठती है शेरदा ‘अनपढ़’ की ये रचनाएं By खबर पहाड़ (Khabar Pahad) / May 20, 2020 च्यल मारनो बाप कै लात, सास ज्वेड़ने ब्वारी हाथ, च्याल ब्वारियोक खिलखिलाट, ओ बाज्यू बुढ़