रुद्रप्रयाग – (गुप्तकाशी) जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए हवलदार देवेंद्र सिंह राणा ने 3 अप्रैल को अपनी पत्नी विनीता से फोन पर कहा था कि “वह एक जरूरी मिशन पर जा रहे हैं” उसे पूरा करने के बाद वापस फोन करेंगे, लेकिन किसी को यह नहीं पता था कि यह उनकी आखिरी बात होगी, 39 वर्षीय हवलदार देवेंद्र सिंह राणा रविवार को जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हो गए और 4 पैरा स्पेशल फोर्स के कमांडो हवलदार देवेंद्र सिंह राणा और उनकी टीम ने पांच आतंकियों को मौत के घाट उतारा गया। लेकिन इस मुठभेड़ में आतंकियों से लोहा लेते हुए हवलदार देवेंद्र सिंह राणा समेत चार अन्य अधिकारियों को भी शहादत देनी पड़ी।
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शहीद देवेंद्र सिंह राणा का परिवार रुद्रप्रयाग जिले के बसुकेदार तहसील के ग्राम तिनसौली का रहने वाला है, वर्तमान समय में शहीद देवेंद्र का परिवार देहरादून जिले के चद्दर वाला में किराए के मकान पर रहता है, शहीद देवेंद्र की 14 वर्षीय बेटी आंचल और 12 वर्षीय बेटा आयुष केंद्रीय विद्यालय रायवाला में पढ़ाई करते हैं जबकि पिता भोपाल सिंह राणा मां कुवरी देवी और छोटा भाई गांव में ही रहते हैं।
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मंगलवार को रुद्रप्रयाग पहुंचा देवेंद्र सिंह राणा का पार्थिव शरीर को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए मंगलवार को सुबह सेना के हेलीकॉप्टर द्वारा गुप्तकाशी हेलीपैड तक शहीद देवेंद्र सिंह राणा के पार्थिव शरीर को पहुंचाया गया यहां से उनका पार्थिव शरीर सड़क मार्ग से उनके घर ले जाया जाएगा जहां शहीद देवेंद्र सिंह राणा के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक घाट में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी।
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