प्रतीकात्मक चित्र

(काव्य रचना) ओ देश के वीर जवानों …

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ओ देश के वीर जवानों, हिम्मत न हारना कभी ।
तुम पर टिकी है देश की रक्षा, इसे देखो सभी ।
सीमा पर जब रहते हो तुम, दुश्मन को मात देने को।
मौत भी डर जाती है यहाँ, जिन्दगी आती है साथ देने को ।


न धूप देखें न छाँव देखें, सीमा पे तत्पर शान से।
हो जाये अगर दुश्मन से युद्ध, तो खेलते हो अपनी जान से ।
महफ़ूज रखे जिन्दगी सभी की, खुद है पहरेदार बनें ।
देश के लिये ही, खुद को न्योछावर करें ।

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बढ़ गये हैं जुल्म – अत्याचार अब सभी जगह, चारों तरफ दुश्मनी फैली है बिना वजह ।
फर्ज है हर जवान का, ये मिटा दे उठती दुश्मनी को।
नमन है ऐसे वीर जवानों को, ना भूलें इनके हर एक बलिदान को।


आओ संकल्प करेंगे हम सब मिलकर, प्रण करें आन – बान से।
सभी के दिलों में हर एक जवान, तो डर नहीं है इस जहान से
अपनी मातृभूमि के लिए, ये देते हैं अपना बलिदान ।
नारा है मेरा इनको अब ……जय- जय जवान, जय- जय किसान

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