नैनीताल– उत्तराखंड के नैनीताल में बने उच्च स्थलीय चिड़ियाघर को पर्यटक सबसे अच्छा मानते हैं । देश के चुनिंदा चिड़ियाघरों में शुमार नैनीताल ज़ू में पर्यटकों को ठन्डे क्षेत्रों के वन्यजीव और साफ सफाई आकर्षित करती है । देशभर के पसंदीदा चिडीयाघरों में अपना स्थान बनाने वाले नैनीताल के गोविंद बल्लभ पंत उच्च स्थलीय चिड़ियाघर में इनदिनों पर्यटकों की चहल पहल देखी जा रही है। नैनीताल घूमने आए पर्यटक यहां के ज़ू में जाना नहीं भूलते हैं । हर वर्ष यहां लाखों पर्यटक आते है और अन्य चिड़ियाघरों में अमूमन नहीं पाए जाने वाले जानवरो के दिदार करते हैं । कोरोना काल के दौरान नैनीताल के चिड़ियाघर में भारी आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ा । अनलॉक होने के बाद यहाँ पर्यटकों की अच्छी खासी भीड़ पहुंची है । इससे अब चिड़ियाघर की आर्थिक स्थिति में भी सुधार आया है।
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नैनीताल का चिडीयाघर शहर की पूर्वी पहाड़ी के शेर का डांडा क्षेत्र में बना है । ये उच्च स्थलीय चिड़ियाघर समुद्र सतह से 6900 फ़ीट की हाइट पर है । यहां वाहन और पैदल चलकर पहुंचा जा सकता है ।चिड़ियाघर में रॉयल बंगाल टाइगर, और पाकिस्तान के राष्ट्रीय जानवर मारखोर के अलावा लैपर्ड, हिमालयन काला भालू, रेड पांडा, फिजेंट, वुल्फ, घुरल, ब्लू शीप आदि जानवर देखने को मिलते हैं । इसके साथ ही पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए ज़ू प्रबंधन ने सोवेनियर शॉप का निर्माण, बैम्बू फैब्रीकस के द्वारा किया है । पर्यटको ने ज़ू में स्वच्छ और शांत वातावरण को देखते हुए, ज़ू प्रबंधन की प्रशंसा की है। पर्यटको ने नैनीताल ज़ू को अव्वल दर्जे की रेटिंग भी दी है।
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