नैनीताल- उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने अभद्रता और सरकारी संपत्ति का नुकसान करने के मामले में उत्तरकाशी के सी.जे.एम.को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया गया है । कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश की संस्तुति के बाद रजिस्ट्रार जर्नल ने पत्र जारी कर सी.जे.एम.का वेतन भी अगले आदेशों तक आधा करने के आदेश दिए हैं ।
मामले के अनुसार उत्तरकाशी कलेक्ट्रेट केे स्टाफ और कलेक्ट्रेट परिसर में रहने वाले लोगों ने 30 अक्टूबर 2020 को शिकायत दायर कर उत्तरकाशी के चीफ ज्यूडिशियल मैजिस्ट्रेट(सी.जे.एम.) नीरज कुमार पर कई गंभीर आरोप लगाए थे । आरोप लगाया गया था कि नीरज कुमार ने 29 अक्टूबर की रात आठ बजे से बारह बजे तक अपने परिवार के सदस्यों समेत अन्यों के साथ अभद्रता की । इस बीच उन्होंने एस.डी.एम.और तहसीलदार की गाड़ी के शीशे भी तोड़े । आरोप लगा कि इस दौरान वहां स्थित लोगों के बीच-बचाव करने के दौरान, उन्होंने, उनके साथ भी गाली गलौच की । सी.जे.एम.नीरज कुमार पर अभद्रता करने, सरकारी वाहनों में तोड़फोड़ करने और बीच सड़क पर लगातार हूटर बजाने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए ।
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उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जर्नल हीरा सिंह बोनाल ने कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश की संस्तुति का पत्र जारी कर कहा है कि नीरज कुमार पर आर्टिकल 3(1), 3(2), 4-ए(डी)समेत उत्तराखंड कर्मचारी सेवा नियमावली 2002 के नियम 27 के तहत दुराचार(मिस कंडक्ट)का मामला प्रतीत होता है ।रजिस्ट्रार जर्नल ने यह भी लिखा है कि नीरज की अगले आदेशों तक वेतन भत्ते आधे कर दिए जाएंगे । सी.जे.एम.नीरज को निलंबन के दौरान बागेश्वर के जिला न्यायालय मुख्यालय में जज के साथ अटैच करते हुए बिना न्यायालय की अनुमति के जिला न छोड़ने के आदेश भी दिए गए है.
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