पुरुषों और महिलाओं की व्यक्तिगत ट्रायथलॉन स्पर्धा में मणिपुर और महाराष्ट्र का जलवा, राष्ट्रीय खेलों में जीते पदक
राष्ट्रीय खेलों में मणिपुर ने एक बार फिर सहनशक्ति खेलों में अपना दबदबा कायम किया, जब सरुंगबम अथौबा मैतेई ने पुरुषों की व्यक्तिगत ट्रायथलॉन स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। उनके साथी टेल्हेबा सोराम ने रजत पदक जीतकर राज्य के लिए ऐतिहासिक 1-2 फिनिश दर्ज किया। महाराष्ट्र के पार्थ सचिन मिराजे ने कांस्य पदक हासिल किया, जिससे यह स्पर्धा बेहद रोमांचक रही।
अथौबा मैतेई ने 1:01:01 के कुल समय में दौड़ पूरी की। उनकी प्रदर्शन समय में 09:55 मिनट की तैराकी, 31:53 मिनट का साइकिलिंग और 18:09 मिनट की दौड़ शामिल थी। वह तैराकी में दूसरे, साइकिलिंग में पहले और दौड़ में चौथे स्थान पर रहे, जिससे उनकी हर वर्ग में शानदार निरंतरता का प्रदर्शन हुआ।
रजत पदक विजेता टेल्हेबा सोराम ने 1:02:10 के कुल समय में दौड़ पूरी की और मणिपुर के लिए दोहरा पोडियम सुनिश्चित किया। वहीं, महाराष्ट्र के पार्थ सचिन मिराजे ने 1:01:14 के समय के साथ कांस्य पदक अपने नाम किया।
अपने प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए सरुंगबम अथौबा मैतेई ने कहा, “मैं खुश हूं, लेकिन मुझे नहीं पता कि मैं पूरी तरह से क्यों खुश नहीं हूं। मैं और अधिक अभ्यास करना चाहता हूं और ज्यादा से ज्यादा टूर्नामेंट खेलकर बेहतर बनना चाहता हूं क्योंकि मैं अभी सिर्फ 18 साल का हूं।”
महिलाओं की व्यक्तिगत ट्रायथलॉन में महाराष्ट्र का दबदबा
महिलाओं की व्यक्तिगत ट्रायथलॉन स्पर्धा में महाराष्ट्र ने पोडियम पर अपना वर्चस्व स्थापित किया। डॉली देविदास पाटिल ने स्वर्ण पदक जीता, जबकि उनकी राज्य साथी मानसी विनोद मोहिते ने रजत पदक हासिल किया। मध्य प्रदेश की आद्या सिंह ने कांस्य पदक जीतकर कड़ी प्रतिस्पर्धा पेश की।
डॉली देविदास पाटिल ने कुल 1:10:03 के समय में शानदार प्रदर्शन किया, जिसमें तैराकी का समय 10:35 मिनट, साइकिलिंग 35:51 मिनट और दौड़ 20:37 मिनट का था। वह तैराकी में सबसे तेज, साइकिलिंग में तीसरे और दौड़ में दूसरे स्थान पर रहीं, जिससे उनकी बहुमुखी क्षमता उजागर हुई।
रजत और कांस्य पदक की दौड़ बेहद रोमांचक रही, जहां मानसी विनोद मोहिते ने 1:10:43 में रेस पूरी की और आद्या सिंह को केवल चार सेकंड के अंतर से पीछे छोड़ा। आद्या ने 1:10:47 का समय लिया, जिससे यह स्पर्धा राष्ट्रीय खेलों की सबसे रोमांचक दौड़ों में से एक बन गई।
अपनी जीत पर डॉली देविदास पाटिल ने कहा, “यह मेरा पहला स्वर्ण पदक है किसी भी राष्ट्रीय खेल में, इसलिए मैं बहुत खुश हूं। मैंने इसके लिए कड़ी मेहनत की और अब बहुत राहत महसूस कर रही हूं।”
मणिपुर और महाराष्ट्र ने इस प्रदर्शन के साथ सहनशक्ति और बहु-विषयक खेलों में अपनी ताकत को और मजबूत किया है। इन राज्यों के खिलाड़ियों ने बार-बार अपनी मेहनत, कौशल और क्षमता का प्रदर्शन कर राष्ट्रीय खेलों पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है।
अपने मोबाइल पर ताज़ा अपडेट पाने के लिए -
👉 व्हाट्सएप ग्रुप को ज्वाइन करें
👉 यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें
हमारे इस नंबर 7017926515 को अपने व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ें



उत्तराखंड: 1 दिसंबर को इस शिविर मे एक दिन में सभी सरकारी समस्याओं का होगा समाधान!
उत्तराखंड: प्रतिबंधित मांस मामले में तीन आरोपियों को कोर्ट से मिली जमानत
उत्तराखंड(दुखद ख़बर): यहाँ भूस्खलन से मकान गिरने से मलबे में दबकर 22 वर्षीय युवक की मौत !
उत्तराखंड: जिलापंचायत सदस्य कथित अपहरण केस में एस.एस.पी.और पांचों सदस्य तलब
उत्तराखंड: CM धामी ने अर्धकुंभ में अमृत स्नानों की घोषणा की
उत्तराखंड के वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता कामरेड राजा बहुगुणा का निधन
उत्तराखंड: बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर बाइक-कार की टक्कर मे दो ममेरे भाइयों की मौत !
उत्तराखंड : पदक विजेताओं के लिए 500 पद
उत्तराखंड:(Job Alert) सेना में इन पदों पर आई भर्ती
उत्तराखंड : यहां ट्रक के नीचे आ गए दो भाई, दोनों की मौत
