भगवान बद्री विशाल के बद्रीनाथ धाम के कपाट 15 मई को सुबह 4:30 बजे पूरे विधि-विधान और मंत्रोच्चारण के साथ खोल दिए जाएंगे नरेंद्र नगर महल से चली गाडू घड़ा (तेल कलश) यात्रा भी चमोली जिले के गांव पहुंच गई है यहां पूजा-अर्चना के बाद कलश को शक्तिपीठ खांडू देवता के संरक्षण में लक्ष्मी नारायण मंदिर में स्थापित किया गया। badrinath yatra
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12 मई को जोशीमठ स्थित नृसिंह मंदिर और 13 मई को पांडुकेश्वर यात्रा पहुंचेगी । बद्रीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद न्नबूदरी भी आदि शंकराचार्य की गद्दी के साथ पांडुकेश्वर पहुंचेंगे । 14 मई को पांडुकेश्वर से गरुड़जी, उद्धवजी और कुबेरजी की डोलिया भी तेल कलश के साथ आदि शंकराचार्य की गद्दी के साथ बद्रीनाथ पहुंचेंगे। और 15 मई को ब्रह्म मुहूर्त में 4:30 बजे बद्रीनाथ धाम के कपाट खोल दिए जाएंगे। badrinath yatra
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कोरोना वायरस कोविड-19 और लॉक डाउन की वजह से कपाट खुलते समय मंदिर के मुख्य पुजारी समय केवल 27 लोग ही उपस्थित रहेंगे प्रशासन और मंदिर समिति ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं फिलहाल श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति नहीं होगी। badrinath yatra
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