हल्द्वानी- कोरोना के कारण देश की अर्थव्यवस्था काफी खराब हो चुकी है. ऐसे में सभी वर्ग के लोग परेशान हैं कोरोना की वजह से बीते चार महीनों से स्कूल भी बंद हैं इसके कारण प्राइवेट स्कूलों की बसें खड़ी हैं. स्कूल स्वामियों को इन बसों का रोड टैक्स जमा करना पड़ रहा है. इसको लेकर स्कूल स्वामियों ने अब अपनों बसों के कागजात परिवहन निगम कार्यालय को सरेंडर करना शुरू कर दिया है. स्कूल स्वामियों ने सरकार से वाहनों के टैक्स को माफ करने की मांग की है।
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स्कूल प्रबंधकों ने कहा कि सरकार ने जिस तरह से स्कूलों की फीस को समाप्त करने का काम किया है, उसी प्रकार स्कूलों में संचालित होने वाली बसों का भी टैक्स माफ किया जाए. उनका कहना है कि चार महीनों से वह रोड पर खड़ी बसों का टैक्स जमा कर रहे हैं. वहीं, आगे भी स्कूल खुलने की उम्मीद नहीं है, जिसके कारण उन्हें अब मजबूरन अपने वाहनों को सरेंडर करना पड़ रहा है जिससे टैक्स से बचा जा सके।
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संभागीय परिवहन अधिकारी राजीव मेहरा ने बताया कि सरकार के निर्देश के बाद टैक्सी चालकों का छह महीने का टैक्स माफ किया जा चुका है. जबकि बड़े कमर्शियल वाहनों का छह महीने का टैक्स पैनल्टी को भी माफ किया जा चुका है. स्कूल प्रबंधकों ने टैक्स माफ करने की मांग उठाई है. इसको लेकर उन्होंने परिवहन आयुक्त को उनकी मांगें भेजी हैं. उन्होंने बताया कि 90 स्कूल बसें सरेंडर हो चुकी हैं. कई अन्य वाहन भी सरेंडर हो रहे हैं।
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