देहरादून : बिंदुखत्ता राजस्व गांव को लेकर पूर्व सैनिकों व वन अधिकार समिति ने प्रमुख वन संरक्षक से की मुलाकात

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देहरादून: लालकुआं / बिंदुखत्ता राजस्व ग्राम की अधिसूचना एक वर्ष से लंबित होने के विषय में कल पूर्व सैनिक संगठन एवं वन अधिकार समिति, बिंदुखत्ता के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ), उत्तराखंड, समीर सिन्हा (IFS) से भेंट कर ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने अनुरोध किया कि संबंधित पत्रावली को शीघ्र राजस्व विभाग को वापस प्रेषित किया जाए।

प्रतिनिधियों ने एक वर्ष के दौरान जनजाति मंत्रालय, विभिन्न जनप्रतिनिधियों तथा मुख्य सचिव द्वारा इस संबंध में किए गए दर्जनों पत्र व्यवहार की प्रतियां सौंपते हुए अवगत कराया कि वन अधिकार अधिनियम की धारा 4.7 के अनुसार किसी वन ग्राम, पुरानी बसासत या असर्वेक्षित ग्राम को राजस्व ग्राम घोषित करने हेतु वन भूमि के अनारक्षित किए जाने की आवश्यकता नहीं है। इसके बावजूद राजस्व अनुभाग ने वनाधिकार कानून के प्रावधानों विपरीत पत्रावली को वन विभाग को भेज दिया, जो पिछले एक वर्ष से प्रमुख वन संरक्षक हॉफ के कार्यालय में लंबित है।

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इस पर नवनियुक्त हॉफ द्वारा पत्रावली का अवलोकन किया गया तथा वन अधिकार अधिनियम पर विस्तार से चर्चा की गई। उपरांत उन्होंने एक सप्ताह के भीतर पत्रावली पर यथोचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम घोषित करने हेतु वन अधिकार अधिनियम ही एकमात्र विकल्प है।

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प्रतिनिधिमंडल में कैप्टन खिलाफ सिंह दानू, कैप्टन प्रताप सिंह बिष्ट, कैप्टन इंद्र सिंह पनेरी, उमेश भट्ट एवं बसंत पांडे शामिल रहे। प्रतिनिधिमंडल आज वरिष्ठ IFS अधिकारी और मुख्यमंत्री के विशेष सचिव, पराग मधुकर धकाते से भी मुलाकात करेगा।

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