उत्तराखंड में लॉकडाउन (LOCKDOWN)और क्वॉरेंटाइन के दौरान प्रदेश के कई इलाकों से सकारात्मक और प्रेरणादायक तस्वीरें सामने आई हैं ऐसी ही एक तस्वीर जिसे आज हम आपके साथ साझा करेंगे वो बागेश्वर जिले के कपकोट विधानसभा के ग्रामसभा गाजली चिडांग के कलाग गांव के प्राइमरी पाठशाला की है। जहां प्राइमरी पाठशाला में क्वॉरेंटाइन हुए चार युवकों ने खाली समय में सराहनीय कार्य करते हुए अपने स्कूल की तस्वीर बदलने का कार्य किया है।
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दरअसल दिल्ली से 19 मई को कलाग गांव के गोविंद पांडे, चंद्रशेखर पांडे, कस्तूरबा नन्द पांडे और पंकज पांडे गांव पहुंचे तो चारों युवकों को प्राइमरी पाठशाला कलाग में क्वॉरेंटाइन किया गया। क्वॉरेंटाइन किए जाने के बाद अपने बचपन के स्कूल की दशा को देख चारों युवकों ने क्वॉरेंटाइन में खाली समय का सदुपयोग करते हुए इस स्कूल की तस्वीर बदलने का सराहनीय कार्य शुरू कर दिया। सड़क मार्ग से कई किलोमीटर पैदल चलकर इस गांव में पहुंचा जाता है यह लिहाजा सीमित संसाधनों के बावजूद स्कूल के रंग रोगन और पुताई का कार्य शुरू किया गया। साथ ही स्कूल के आस पास झाड़ियों को काटते हुए स्कूल में साफ सफाई का कार्य किया जा रहा है।
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यह गांव का एकमात्र स्कूल है जो आजादी के बाद 1951 कलाग में स्थापित हुआ लिहाजा गांव के प्रति व्यक्ति ने स्कूल में शिक्षा ग्रहण की है भले ही आज इस स्कूल में क्वॉरेंटाइन होना पड़ रहा हो लेकिन हर किसी के बचपन की याद दिलाता यह प्राइमरी स्कूल इन युवाओं को उसकी तस्वीर बदलने के लिए प्रेरित करता रहा। गांव के युवाओं की सकारात्मक सोच क्वॉरेंटाइन के दौरान इस स्कूल के काम आ रही है, अगले शिक्षण सत्र में जब स्कूली बच्चे अपने स्कूल आएंगे तो इन युवाओं की सार्थक पहल को जरूर याद करेंगे क्योंकि तब तक उनके स्कूल की तस्वीर काफी बदली बदली होगी।
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