उत्तराखंड: नंदप्रयाग के सेरा गांव में 5 दिन बाद नीमा की होनी थी शादी, आपदा में सब कुछ बहा,रंग-रोगन से सजा मकान मलबे में तब्दील

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नंदप्रयाग के सेरा गांव में 5 दिन बाद नीमा की होनी थी शादी, आपदा में सब कुछ बहा,रंग-रोगन से सजा मकान मलबे में तब्दील।

नंदप्रयाग(चमोली)- उत्तराखंड के चमोली जिले के नंदानगर क्षेत्र में 17 सितंबर की रात एक काली रात साबित हुई। जिसने कई आशियाने उजाड़ दिए। कई घर मलबे में बह गए तो कई लोग इन घरों में जिंदा दफ्न हो गए। जिसने भी तबाही का मंजर देखा, उनकी आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. ऐसा ही कुछ नीमा के साथ हुआ है. जिसकी चंद दिनों में शादी होनी है। इसके लिए उन्होंने घर को सजाया और संवारा था। साथ ही जेवरात से लेकर भोज के लिए सामान जमा किया था, लेकिन आपदा में सब कुछ बह गया।

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अपनों को खोने का दर्द और अपने आशियाने को मलबे में तब्दील होते देख लोगों की आंखें भर आ रही है. जिन्होंने जीवन भर की जमा पूंजी अपने आशियाने पर लगा दिया और आखिरकार वो टूट कर बह गया. अब आपदा पीड़ित रुंधे गले से ‘हे भगवान ये क्या हो गया? यह कैसी अनहोनी हो गई। कहते हुए रोते नजर आ रहे हैं. इनमें नीमा गुसाईं का परिवार भी शामिल है, जिन्होंने अपने आशियाने को बहते देखा।

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दरअसल, सेरा गांव में बाढ़ की चपेट आने से महिपाल गुसाईं समेत 6 अन्य लोगों की मकान पानी के तेज बहाव में बह गया. जिससे घर में रखा सारा सामान पानी में बह गया. महिपाल गुसाईं की बेटी नीमा की 23 सितंबर को मेहंदी और 24 को शादी तय है. ऐसे में घर में रंग रोगन का पूरा काम हो चुका था. शादी के लिए साड़ी, जेवरात खाद्यान्न सामग्री समेत तमाम सामान जुटा ली गई थी। इन सामानों को उन्होंने घर में रखा था, लेकिन आपदा आने के बाद घर आधा टूट कर पानी में समा गया. गौशाला भी पानी में बह गया। इस घर पर बारात आनी थी, लेकिन घर ध्वस्त होकर आधा बह गया. जिस घर के आंगन में चहल-पहल थी. जहां साजो सामान जुटाए गए थे, उस जगह पर अभी मलबा नजर आ रहा है. नीमा की शादी पोखरी विकासखंड के कलसीर गांव में हो रही है, लेकिन अब शादी की तैयारियों पर कुदरत ने पानी फेर दिया।

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नीमा के पिता महिपाल गुसाईं,ने बताया कि आपदा के वक्त बेटा और बेटी मेरे साथ गोपेश्वर थे। सेरा में सिर्फ पत्नी मौजूद थी। क्योंकि, घर में शादी की तैयारी चल रही थी, इसलिए गुरुवार को मुझे अपने घर सेरा जाना था। तभी अचानक बुधवार की रात बादल फटने से सब कुछ मलबे में तबाह हो गया। खुशकिस्मती से पत्नी बच गई, लेकिन पानी की चपेट में आने से घर में रखा सारा सामान बह गया है।

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नंदानगर वासियों के लिए बुधवार यानी 17 सितंबर की वो भयानक रात कभी न भूल पाने वाला है। रात करीब 2 बजे अचानक बादल फटने से आस पास के क्षेत्रों में पानी का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा. बादल फटने से कुंतरी लगा फाली, सेरा और धुर्मा भारी तबाही हुई है. जिसमें कई लोग लापता हो गए. अभी तक 5 शव बरामद कर लिए गए हैं. जबकि, एक व्यक्ति को 16 घंटे बाद सुरक्षित बाहर निकाला गया। बाकी लापता लोगों की युद्धस्तर पर तलाश जारी है।

चमोली जिलाधिकारी संदीप तिवारी और पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार लगातार आपदाग्रस्त क्षेत्र में डटे हुए हैं। क्षेत्र में खाद्यान्न सामग्री प्रशासन की ओर से पहुंचाई जा रही है। घायलों को एयरलिफ्ट कर एंबुलेंस के माध्यम से उपचार के लिए हायर सेंटर भेजा जा रहा है।एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पुलिस के जवान मलबा हटाकर जिंदगी की तलाश कर रहे हैं।

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