Uttarakhand news: Vikram singh rawat Rishikesh: रख हौसला वो मंजर भी आएगा, प्यासे के पास चलकर समंदर भी आएगा, थककर न बैठ ऐ मंजिल के मुसाफिर, मंजिल भी मिलेगी जीने का मजा भी आएगा…. इन पंक्तियों में छुपे मर्म को उत्तराखंड के होनहार लाल ने साबित कर दिखाया है। योग विषय में लगातार 11 बार यूजीसी नेट परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले उत्तराखंड के बेटे विक्रम सिंह रावत ने अपनी मेहनत और लगन के दम पर एक और कीर्तिमान स्थापित किया है। मूलरुप से टिहरी गढ़वाल के देवप्रयाग निवासी और वर्तमान में तीर्थनगरी मुनि की रेती, ऋषिकेश निवासी गोल्ड मेडलिस्ट विक्रम सिंह रावत ने पतंजलि विश्वविद्यालय हरिद्वार से योग विज्ञान विषय में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है। उन्होंने शोध निदेशक प्रोफेसर पारन गौड़ा के निर्देशन में Enhancing the Quality of Life of Ageing Elders Through Yoga Practices विषय पर शोध कार्य पूरा किया है। पढ़ाई को कैसे जुनून में बदला जा सकता है और कैसे अपने सपने को पूरा किया जाता है, यह बात भी गोल्ड मेडलिस्ट विक्रम सिंह रावत से सीखी जा सकती है।
बताते चलें कि इससे पहले गोल्ड मेडलिस्ट विक्रम सिंह रावत योग विषय से लगातार 11 बार प्रतिष्ठित यूजीसी नेट की परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके हैं। योगाचार्य विक्रम सिंह रावत ने साल 2023 में उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय, हल्द्वानी से मनोविज्ञान में एमए की डिग्री सर्वोच्च अंको में उत्तीर्ण की थी।
जिसके बाद वह एमए मनोविज्ञान में यूनिवर्सिटी टॉपर बने थे। इसके अलावा विक्रम सिंह रावत ने साल 2015 में उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय, हरिद्वार से योग विषय में भी एमए की डिग्री हासिल की थी। इस दौरान भी उन्होंने विश्वविद्यालय में सर्वोच्च अंक प्राप्त किए थे। जिसके लिए उन्हें विश्वविद्यालय के छठवें दीक्षांत समारोह में स्वर्ण पदक से भी सम्मानित किया गया।
वहीं साल 2017 में उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय, हरिद्वार से योग विषय में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा की परीक्षा में भी सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर उन्हें विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह में स्वर्ण पदक से सम्मानित किया जा चुका है।
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